📍 पूर्वी चंपारण, 11 जून (हि.स.) — पूर्वी चंपारण के परसौनी कृषि विज्ञान केंद्र में विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत किसानों को धान की नर्सरी से पहले मिट्टी के चयन पर जागरूक किया गया। मृदा विशेषज्ञ डॉ. आशीष राय ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अच्छी उपज के लिए सही मिट्टी और नर्सरी की तैयारी बेहद जरूरी है।
🌾 उचित मिट्टी का चयन
डॉ. राय ने बताया कि नर्सरी के लिए चिकनी या मटियार मिट्टी, जिसका पीएच 6.5 से 7.5 हो, सबसे उपयुक्त होती है। जलधारण क्षमता अच्छी होनी चाहिए और सिंचाई स्रोत भी पास में होना चाहिए।
🧑🌾 नर्सरी की तैयारी के टिप्स
- गर्मियों में खेत की 2-3 बार जुताई करके खाली छोड़ने से मृदा रोग कम होते हैं।
- क्यारियां 2-3 मीटर चौड़ी और 8-10 मीटर लंबी रखें।
- विभिन्न किस्मों की नर्सरी के बीच 1.5-2 मीटर की दूरी रखें।
- ट्राइकोडर्मा या क्लोरोपायरीफॉस से बीज व मृदा उपचार करें।
🌱 बीज का चयन और उपचार
- प्रमाणित व आधार बीज का उपयोग करें।
- मोटे दानों के लिए 30-35 किग्रा/हेक्टेयर, पतले दानों के लिए 20-25 किग्रा/हेक्टेयर बीज पर्याप्त।
- बीज को फफूंदनाशक और कीटनाशक घोल में 24 घंटे भिगोकर अंकुरित करें।
💡 खाद व सुरक्षा
- एनपीके मिश्रण और जैविक खाद का उपयोग करें।
- पक्षियों से बचाव और नमी बनाए रखने पर विशेष ध्यान दें।
- नैनो डीएपी से भी बीज उपचार किया जा सकता है।
कार्यक्रम में डॉ. संजय कुमार (कीट वैज्ञानिक), डॉ. अंशू गंगवार (मृदा अभियंता) और डॉ. रवि कुमार (मछली वैज्ञानिक) ने भी किसानों को तकनीकी सलाह दी।