फतेहाबाद, 20 मार्च (हि.स.)। पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने आमजन को साइबर फ्रॉड से बचने के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की है। खासकर बिंगो मोड वायरस को लेकर विशेष सावधानी बरतने को कहा है। गुरुवार को एसपी ने कहा कि आधुनिकता के इस युग में साइबर अपराधी दिन प्रतिदिन फ्रॉड करने के नए-नए तरीके इस्तेमाल करते है। आजकल साइबर अपराधी खतरनाक वायरस बिंगो मोड के जरिए यूजर्स के बैंक खातों पर अटैक कर रहे है। ऐसे मामलों में साइबर अपराधी यूजर्स को संदिग्ध लिंक भेजते है और यूजर्स जैसे ही संदिग्ध लिंक पर क्लिक करते है तो एसएमएस के जरिए खतरनाक वायरस बिंगो मोड मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता है और यूजर्स के बैंक खातों की डिटेल चुराकर कर यूजर्स का खाता खाली कर खुद को उड़ा लेता है, इसलिए इसे आत्मघाती मैलवेयर के नाम से भी जाना जाता है। इस तरह से यूजर्स को कुछ भी समझ नही आता कि उसके साथ क्या हो रहा है। एसपी ने बताया कि मेलवेयर बिंगो मोड को इस तरह से प्रोग्राम किया हुआ है कि संक्रमित मोबाइल से दूसरे मोबाइल में एसएमएस के जरिए अपने आपको फैलाता है।
बैंक डिटेल चुराकर खुद को कर लेता है रिमूवएसपी आस्था मोदी ने बताया कि बिंगो मेड आत्मघाती मेलवेयर में हैकर्स द्वारा सेल्फ डिस्ट्रेक्टिव प्रोग्राम फीड किया है जो यूजर्स की बैंक डिटेल चुराने के बाद अपने आपको मोबाइल से रिमूव करके मोबाइल को फैक्ट्री रिसेट मोड पर ले आता है। ऐसे में यूजर्स को पता भी नहीं चलता कि उसके मोबाइल में आखिर हुआ क्या था। पुलिस अधीक्षक ने आमजन से कहा कि बिंगो मेड नामक खतरनाक वायरस के बारे में साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं ने हाल ही में बिंगो मेड नामक एक नए एन्ड्रोइड रिमोट एक्सेस ट्रोजन (रेट) का पता लगाया है, जो डिवाइस से धोखाधड़ी से पैसे ट्रांसफर करता है। एसपी ने कहा कि साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं के अनुसार बिंगो मोड, मोबाइल मैलवेयर की आधुनिक रेट पीढ़ी से संबंधित है, क्योंकि इसकी रिमोट एक्सेस क्षमता संक्रमित डिवाइस से सीधे अकाउंट में टेकओवर करने की अनुमति देती है। उन्होंने कहा कि एन्ड्रोइड के मीडिया प्रोजेंक्शन एपीआई का उपयोग करके स्क्रीनशॉट लेने और वास्तविक समय में डिवाइस के साथ संपर्क कर 40 से अधिक कमांड दूर से प्राप्त करने की क्षमता रखता है।
सावधानी व सतर्कता ही साइबर ठगी से बचने का बेहतर उपाय एसपी ने लोगों को सतर्क करते हुए कहा कि व्हाट्सएप, मेल या किसी अन्य सोशल साइट पर आए किसी भी अंजान लिंक को क्लिक न करें, क्योंकि सावधानी व सतर्कता ही साइबर ठगी से बचने का बेहतर उपाय है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि इस तरह के फर्जी लिंक से सावधान रहें और अपनी निजी जानकारी किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा नकरें क्योंकि ऐसा करने से आप साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो जाते है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यदि किसी के साथ साइबर ठगी की घटना हो जाए तो तुरंत स्थानीय पुलिस से संपर्क करना चाहिए या फिर साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर इसकी तुरंत सूचना दें ताकि समय रहते उचित कार्रवाई की जा सके।