Tue, Sep 23, 2025
31 C
Gurgaon

दलीय राजनीति से परे रहकर अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करें स्पीकर : अजय साह

रांची 22 फरवरी (हि.स.)। सर्वदलीय बैठक के दौरान झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने नेता प्रतिपक्ष की गैर मौजूदगी को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बिना नेता प्रतिपक्ष के सदन का संचालन सुचारू रूप से करना कठिन होता है और इससे आसन को भी असुविधा होती है। उनके इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने शनिवार को स्पीकर के बयान को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि भारत में संसदीय प्रणाली की एक व्यवस्थित संरचना है, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष का विशेष संवैधानिक महत्व होता है। स्पीकर की आवाज पूरे सदन की आवाज मानी जाती है, और संविधान निर्माताओं ने इस पद की निष्पक्षता सुनिश्चित करने की परिकल्पना की थी। सुप्रीम कोर्ट के कीहोतो होलोहं(Kihoto Hollohan) बनाम जचिल्लहु (Zachillhu) मामले में भी स्पीकर की शक्तियों को संविधान के “बुनियादी ढांचे” से जोड़ा गया था। कई ऐतिहासिक फैसलों में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि स्पीकर को दलीय राजनीति से ऊपर उठकर निष्पक्ष निर्णय लेने चाहिए।

साह ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले विधान सभा में जो स्पीकर भाजपा द्वारा नामित नेता प्रतिपक्ष पर निर्णय लेने से चार वर्षों तक बचते रहे, वे अब उसी मुद्दे पर अफसोस जता रहे हैं और सिर्फ चार वर्ष नहीं, पूरे पांच वर्ष तक इस मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। इनको आज सदन शुरू होने से पहले ही इतनी पीड़ा हो रही है। उन्होंने कैसे इस पीड़ा में चार साल निकाला, यह सोचने का विषय है।

साह ने आगे कहा कि रविंद्र नाथ महतो का यह बयान न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि हास्यास्पद भी प्रतीत होता है, क्योंकि वे अपने ही राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित फैसलों के लिए अब भाजपा को दोषी ठहरा रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के पास एक मजबूत सरकार और सशक्त विपक्ष दोनों के रूप में काम करने का व्यापक अनुभव है। पार्टी अपने संसदीय दायित्वों को भली-भांति समझती है, लेकिन साथ ही यह भी उम्मीद करती है कि सदन के संरक्षक के रूप में कार्यरत विधानसभा अध्यक्ष दलीय राजनीति से ऊपर उठकर निष्पक्षता बरतें और संसदीय परंपराओं का सम्मान करें। स्पीकर के रूप में महतो का पिछला कार्यकाल भी लगातार विवादों से घिरा रहा और अब उनके नए कार्यकाल की शुरुआत में ही उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। उन्हें अपने संवैधानिक दायित्वों के प्रति जवाबदेह रहना चाहिए, न कि किसी विशेष राजनीतिक दल के प्रति ।

Archita phukan का वायरल वीडियो लिंक, क्या है नजारा?

असम की सोशल मीडिया सनसनी Archita phukan, उर्फ बेबीडॉल आर्ची, ने ‘डेम अन ग्रर’ पर बोल्ड डांस वीडियो से इंटरनेट पर धूम मचा दी। लेकिन MMS लीक और पॉर्न इंडस्ट्री की अफवाहों ने विवाद खड़ा कर दिया। वीडियो में क्या है नजारा, और क्या है सच?

SGT University में नजीब जंग ने की डिस्टेंस और ऑनलाइन एजुकेशन सेंटर की घोषणा!

SGT यूनिवर्सिटी में नजीब जंग ने सिर्फ प्रेरणा नहीं दी, बल्कि एक नई शिक्षा क्रांति की नींव भी रखी। क्या है इसकी खासियत?

SGT विश्वविद्यालय में रक्तदान शिविर: चरक जयंती पर मानवता की अनमोल मिसाल

SGT विश्वविद्यालय में चरक जयंती पर लगे रक्तदान शिविर ने आयुर्वेद की मूल भावना – सेवा और करुणा – को जीवंत किया।

Ratan Tata ने अपनी वसीयत में पेटडॉग का भी रखा ध्यान, जानिए अब कौन करेगा Tito की देखभाल

 हाल ही में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने...
spot_img

Related Articles

Popular Categories