सुकमा में मानसिक स्वास्थ्य नीति लागू
छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों में बढ़ते मानसिक तनाव और आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए नई नीति लागू की है। सुकमा के सभी शैक्षणिक संस्थानों में अब ‘उम्मीद’ और ‘मनोदर्पण’ आधारित मानसिक स्वास्थ्य नीति अनिवार्य होगी।
नीति का उद्देश्य
इस नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों में सकारात्मक सोच, भावनात्मक संतुलन और आत्मविश्वास विकसित करना है। यह पहल सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में की गई है।
प्रशिक्षण और विशेषज्ञ सहयोग
100 या अधिक विद्यार्थियों वाले संस्थानों में प्रशिक्षित परामर्शदाता या मनोवैज्ञानिक की नियुक्ति अनिवार्य होगी। कम संख्या वाले संस्थानों को आवश्यकता अनुसार पंजीकृत मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सहयोग मिलेगा।
कलेक्टर का संदेश
सुकमा जिला कलेक्टर देवेश कुमार धु्रव ने कहा कि नीति विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य के संरक्षण और संवेदनशील शैक्षणिक वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह आत्महत्या जैसी घटनाओं की रोकथाम में भी मददगार साबित होगी।
निष्कर्ष
नई नीति से विद्यार्थियों में मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होगा। स्कूल और कॉलेज अब छात्रों को सहारा देने और सकारात्मक माहौल बनाने के लिए तैयार हैं। सुकमा में यह कदम एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर समान ध्यान दिया जा सकता है।




