सुलतानपुर दुर्गा पूजा महोत्सव 2025
सुलतानपुर, 6 अक्टूबर (हि.स.)। सुलतानपुर दुर्गा पूजा महोत्सव देश में कोलकाता के बाद दूसरा सबसे प्रसिद्ध महोत्सव माना जाता है। इस वर्ष जिले में 800 से अधिक दुर्गा प्रतिमाएं विभिन्न पूजा पंडालों में स्थापित की गई हैं। भव्य पंडाल और आकर्षक विद्युत सज्जा श्रद्धालुओं का मुख्य आकर्षण हैं।
महोत्सव का अंतिम दिन और विसर्जन
सोमवार को महोत्सव का अंतिम दिन है। मंगलवार से प्रतिमा विसर्जन की तैयारियां शुरू होंगी। इस बार विसर्जन शोभायात्रा 36 घंटे की होगी। इसमें बैंड, डीजे और कलाकार अद्भुत झांकियों और नृत्य कला का प्रदर्शन करेंगे। शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होकर सीताकुंड धाम पहुंचेगी, जहां मां गोमती की पवित्र धारा में प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।
सुरक्षा और व्यवस्था
भक्तों की सुरक्षा के लिए शहर में पुलिसकर्मी तैनात हैं। सीसीटीवी कैमरा और ड्रोन निगरानी में मदद कर रहे हैं। जिला सुरक्षा संगठन और केंद्रीय पूजा समिति सहित कई कैंप कार्यालय भी सहयोग में लगे हैं।
यातायात प्रतिबंध
7 से 9 अक्टूबर तक शहर में बड़े और मध्यम वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। केवल स्थानीय लोगों को आईडी कार्ड दिखाकर प्रवेश की अनुमति होगी। ई-रिक्शा और अन्य हल्के वाहन भी प्रतिबंधित रहेंगे।
इतिहास और सांस्कृतिक महत्व
सुलतानपुर की दुर्गा पूजा की शुरुआत 1959 में भिखारी लाल सोनी के नेतृत्व में हुई थी। तब केवल 150 प्रतिमाएं स्थापित होती थीं। अब छह दशक बाद जिले में 800 से अधिक प्रतिमाओं के साथ यह महोत्सव आयोजित होता है, जिसमें लाखों रुपये का खर्च और अद्भुत कलाकृति देखने को मिलती है।