सुलतानपुर, 12 दिसंबर (हि.स.)। हलियापुर थाना क्षेत्र के नरगेसवा मजरे हलियापुर निवासी 25 वर्षीय लल्लन का शव गुरुवार देर रात उसके पैतृक गांव पहुँचा। लल्लन 17 सितंबर 2024 को अपने एक रिश्तेदार के साथ मजदूरी करने सऊदी अरब के दम्माम गया था। लेकिन विदेश यात्रा उसके परिवार के लिए दुखों का पहाड़ बनकर लौटी।
सड़क दुर्घटना के बाद गया था कोमा में
जानकारी के अनुसार, 8 फरवरी 2025 को लल्लन एक सड़क हादसे का शिकार हो गया। दुर्घटना में गंभीर चोट लगने के बाद वह कोमा में चला गया। दम्माम के अस्पताल में उसका महीनों तक इलाज चला, लेकिन वह होश में नहीं आया।
परिवार आर्थिक तंगी के कारण उसे भारत नहीं ला सका। इलाज और अस्पताल के खर्च उठाना भी बेहद कठिन होता गया, लेकिन रिश्तेदारों और परिचितों की मदद से किसी तरह उपचार चलता रहा।
17 नवंबर को हुई मौत, कानूनी प्रक्रिया में लगा समय
इलाज के दौरान 17 नवंबर 2025 को उसकी मृत्यु हो गई। सऊदी अरब से शव भारत भेजने में कानूनी प्रक्रिया, वीज़ा संबंधित कार्यवाही और दस्तावेज़ी औपचारिकताओं में लगभग तीन सप्ताह से अधिक समय लग गया।
गुरुवार देर रात लखनऊ एयरपोर्ट पर शव पहुंचा, जहाँ से परिजन उसे गांव ले आए। शुक्रवार दोपहर गांव के पास जंगल में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
मृतक के पिता विंध्यादीन, मां, बाबा देवी प्रसाद, भाई, चाचा, पत्नी सुनीता और चार वर्षीय पुत्र कार्तिक का रो-रोकर बुरा हाल है। अचानक मौत और लंबी प्रतीक्षा ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया।
गाँव में भी शोक की लहर है, क्योंकि लल्लन पहली बार विदेश गया था और परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का सपना लेकर घर से निकला था।




