काठमांडू, 22 अक्टूबर (हि.स.)। नेपाल में युवाओं के आंदोलन से जुड़े एक गुट ने अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के खिलाफ कानूनी जांच और गिरफ्तारी की मांग की है। इस समूह का आरोप है कि कार्की ने असंवैधानिक तरीके से सत्ता संभाली और संविधान एवं जनादेश का उल्लंघन किया।
शिकायत की मुख्य बातें
रवि किरण हमाल ने पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को औपचारिक शिकायत पत्र सौंपा। पत्र में आरोप लगाया गया है कि प्रधानमंत्री कार्की ने भ्रष्टाचारियों और विदेशी आईएनजीओ से जुड़े लोगों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया। युवाओं का कहना है कि आंदोलन में हुए बलिदानों के प्रति यह कदम असंवेदनशीलता प्रदर्शित करता है।
शिकायत में यह भी दावा किया गया है कि सरकार निर्दोष प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जबकि तोड़फोड़ और आगजनी करने वाले अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है।
न्यायपालिका और राजनीतिक आरोप
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि सुशीला कार्की ने प्रधान न्यायाधीश के कार्यकाल के दौरान राजनीतिक संबद्धता के आधार पर न्यायिक नियुक्तियां कीं, जिससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता कमजोर हुई।
युवाओं की मांग
आईजीपी से आग्रह किया गया है कि सुशीला कार्की को तुरंत गिरफ्तार कर निष्पक्ष, पारदर्शी और सार्वजनिक कानूनी जांच कराई जाए। इस कदम को नेपाल में कानून और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवश्यक बताया गया है।