अभियान की शुरुआत और उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से शुरू हुआ ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान’ पूरे देश में जनभागीदारी का बड़ा आंदोलन बन गया है। इसका उद्देश्य स्वच्छता, कचरा प्रबंधन और स्थानीय स्तर पर ठोस बदलाव लाना है।
अब तक की उपलब्धियां
देशभर में 11,09,151 स्वच्छता लक्षित इकाइयों की पहचान की गई, जिनमें से 2,48,241 इकाइयों की सफाई की गई। कुल 1,89,52,202 लोगों ने इस अभियान में भाग लिया। 2,53,884 सार्वजनिक स्थलों की सफाई की गई और हजारों स्वच्छता रैलियां, शिविर और प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
स्थानीय पहल और मॉडल
जम्मू-कश्मीर के डल झील पर सफाई अभियान, महाराष्ट्र के पिंपरी-चिंचवड़ का जीरो वेस्ट प्रोजेक्ट, और बिहार में ‘सफाई एक्सप्रेस’ जैसे उदाहरण इस अभियान की सफलता को दर्शाते हैं। महिलाएं और स्वच्छता मित्र इन पहलों का अहम हिस्सा हैं।
स्वास्थ्य और सुरक्षा
स्वच्छता मित्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विभिन्न शहरों में शिविर आयोजित किए गए। गोवा, आंध्र प्रदेश और बिहार में स्वास्थ्य जांच, पीपीई किट प्रशिक्षण और ग्लव्स वितरण जैसी सुविधाएं प्रदान की गईं।
स्वच्छ हरित उत्सव और जागरूकता
चंडीगढ़ में वेस्ट टू आर्ट प्रदर्शनी, तेलंगाना में इको-फ्रेंडली बथुकम्मा पर्व और गुजरात में ‘ग्रीन नवरात्रि’ रंगोली जैसी गतिविधियों से पर्यावरण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी।
आगामी कार्यक्रम
25 सितंबर को पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर ‘एक दिन, एक साथ, एक घंटा’ नामक राष्ट्रव्यापी श्रमदान कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें करोड़ों लोग भाग लेने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
‘स्वच्छता ही सेवा अभियान’ न केवल साफ-सफाई बढ़ा रहा है, बल्कि नागरिकों में जिम्मेदारी और समाज के प्रति जागरूकता भी पैदा कर रहा है।