जोधपुर में स्वामीनारायण मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा
जोधपुर, 25 सितम्बर। शहर के धार्मिक इतिहास में आज ऐतिहासिक क्षण जुड़ा जब बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में महंत स्वामी महाराज के करकमलों से भगवान की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई। इस अवसर पर मंदिर को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला गया, जहां भारी भीड़ उमड़ी।
विधि-विधान और पूजन
सुबह 6.45 बजे वरिष्ठ संतों ने महापूजा की शुरुआत की। इसके बाद महंत स्वामी महाराज ने भगवान श्री स्वामीनारायण, अक्षरब्रह्म गुणातीतानंद स्वामी, राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती, राम-सीता, हनुमान और गुरु परंपरा की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की और पहली आरती उतारी।
सात साल की मेहनत
यह मंदिर देश के अक्षरधाम मंदिरों में दूसरा सबसे बड़ा है। इसे जोधपुरी छीतर पत्थरों से बनाया गया है, जिसमें लोहे का प्रयोग नहीं किया गया। करीब 500 कारीगरों ने सात साल तक लगातार काम कर इसे तैयार किया। पत्थरों पर छह इंच गहरी नक्काशी की गई है, जो सिरोही घाट शैली का अनोखा उदाहरण है।
स्थापत्य और तकनीक
मंदिर में लोहे या स्टील का इस्तेमाल नहीं है। पत्थरों को इंटरलॉक सिस्टम से जोड़ा गया है, जो प्राचीन भारतीय स्थापत्य तकनीक को जीवित करता है। पिलर को जीएफआरजी टेक्नोलॉजी से तैयार किया गया है। मंदिर की लंबाई 181 फीट और ऊंचाई 91 फीट है, जबकि परिसर लगभग 40 बीघा में फैला है।
श्रद्धालुओं में उत्साह
मंदिर के उद्घाटन के साथ ही श्रद्धालुओं में पहले दर्शन का उल्लास देखने को मिला। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि जोधपुर की सांस्कृतिक धरोहर में भी एक नया अध्याय जोड़ेगा।