तानसेन समारोह ग्वालियर: आज से शुरू होगा 101वां सुरमयी उत्सव
ग्वालियर। भारतीय शास्त्रीय संगीत का विश्वप्रसिद्ध उत्सव तानसेन समारोह ग्वालियर में आज से आरंभ हो रहा है। यह समारोह पांच दिनों तक संगीतधानी ग्वालियर की फिजाओं को सुरों की बारिश से सराबोर करेगा। इस वर्ष तानसेन समारोह का यह 101वां आयोजन है, जो इसे ऐतिहासिक और भी विशेष बनाता है।
समारोह का शुभारंभ आज सुबह हजीरा स्थित संगीत सम्राट तानसेन की समाधि पर पारंपरिक विधियों से होगा। शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा, मीलाद वाचन और चादरपोशी के साथ तानसेन को स्वरांजलि अर्पित की जाएगी।
सायंकाल लगभग 6 बजे तानसेन समाधि के समीप बने भव्य मंच पर मुख्य आयोजन की शुरुआत होगी। इस मंच की थीम ग्वालियर दुर्ग स्थित ऐतिहासिक चतुर्भुज मंदिर पर आधारित है, जो समारोह को विशेष भव्यता प्रदान करेगी।
तानसेन अलंकरण और राजा मानसिंह तोमर सम्मान
समारोह के शुभारंभ अवसर पर राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण और राजा मानसिंह तोमर सम्मान भी प्रदान किए जाएंगे।
- वर्ष 2024 का तानसेन अलंकरण: पं. राजा काले (मुंबई)
- वर्ष 2025 का तानसेन अलंकरण: पं. तरुण भट्टाचार्य (संतूर वादक)
- राजा मानसिंह तोमर सम्मान 2024: साधना परमार्थिक संस्थान समिति, मण्डलेश्वर
- राजा मानसिंह तोमर सम्मान 2025: रागायन संगीत समिति, ग्वालियर
10 संगीत सभाएं, कई ऐतिहासिक स्थल
तानसेन समारोह ग्वालियर में कुल 10 संगीत सभाएं आयोजित होंगी। 18 दिसंबर को दो सभाएं समानांतर रूप से तानसेन समाधि स्थल और बटेश्वर मंदिर परिसर (मुरैना) में होंगी। अंतिम दिन 19 दिसंबर को प्रातःकालीन सभा बेहट (तानसेन की जन्मस्थली) में और समापन संध्या गूजरी महल परिसर में सजेगी।




