27 वर्षों की समर्पित सेवा
ठाणे पूर्व के चेंदनी कोलीवाड़ा बंदरगाह पर ठाणे विसर्जन घाट सेवा में प्रकाश कोटवानी पिछले 27 वर्षों से भक्तों की सेवा कर रहे हैं। उनका लक्ष्य हमेशा एक ही रहा है – “भक्तों को बप्पा की विदाई में कोई परेशानी न हो।”
विसर्जन घाट का बदलाव
1998-99 में घाट की स्थिति भयावह थी। नाग और घोंस जैसे साँप, कीचड़ भरी जमीन और असुरक्षित स्थल विसर्जन के समय भक्तों के लिए खतरा थे। कोटवानी ने दिवंगत ज़िला प्रमुख आनंद दिघे के मार्गदर्शन से घाट का कायाकल्प शुरू किया। अब घाट पर पक्की सड़क, उचित व्यवस्था और सुरक्षा प्रबंध उपलब्ध हैं।
मिनी चौपाटी के रूप में पहचान
आज चेंदनी कोलीवाड़ा बंदरगाह क्षेत्र का यह विसर्जन घाट “मिनी चौपाटी” के नाम से प्रसिद्ध है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सहयोग से सुरक्षा और सुविधाओं को और बेहतर बनाया गया। डेढ़ दिन, पाँच दिन, सात दिन और ग्यारह दिन तक लगभग ढाई हज़ार मूर्तियों का विसर्जन सुरक्षित तरीके से संपन्न होता है।
भक्तों के रक्षक
प्रकाश कोटवानी हर वर्ष पुलिस, अग्निशमन दल और लाइफगार्ड के साथ मिलकर बच्चों और भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। उनकी सतत मेहनत और भक्ति भावना के कारण घाट पर हर भक्त का अनुभव सुरक्षित और सुव्यवस्थित रहता है।
समाज में योगदान
विकास पाटील और स्थानीय समाजसेवियों के अनुसार, 27 वर्षों की सेवा ने कोटवानी को केवल एक समाजसेवी ही नहीं, बल्कि ठाणे विसर्जन घाट के रक्षक के रूप में भी स्थापित कर दिया है। उनकी यह निःस्वार्थ सेवा भक्तों के दिलों में आज भी अमर है।