हजारीबाग, 13 फरवरी (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में मंगलवार को भारतीय सेना के शहीद कैप्टन करमजीत सिंह का का पार्थिव शरीर जैसे ही सेना के वाहन से हजारीबाग स्थित आवास पहुंचा तो परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया। गुरुवार सुबह उनका पार्थिव शरीर जुलु पार्क स्थित आवास पर लाया गया। सेना के जवानों ने कंधा देकर पार्थिव शरीर को उनके पैतृक आवास पहुंचाया। इस अवसर पर जैसे ही करमजीत का पार्थिव शरीर घर पर आया वैसे ही उनकी मां, बहन और पिता ताबूत को पकड़कर दहाड़ मारकर रोने लगे।
इतना देख आसपास के लोग भी करमजीत अमर रहे बोल कर रोने पर मजबूर हो गए। जैसे ही सुबह हुई वैसे ही शहर के नवयुवकों ने हाथ मे तिरंगा और कैप्टन करमजीत के फोटो को लेकर फोर लेन कोणार पुल के पास से तिरंगा लिए बाइक सवार युवकों ने शहीद
करमजीत सिंह के पार्थिव शरीर की अगुवाई की। जैसे ही युवकों को सेना की वाहन दिखाई दिया वैसे ही युवकों ने करमजीत अमर रहे जबतक सूरज चांद रहेगा करमजीत तेरा नाम रहेगा के नारे लगाने लगे।
वहीं सुबह से ही करमजीत के घर पर डीसी नैंसी सहाय, एसपी अरविंद कुमार सिंह, संतोष कुमार, विधायक प्रदीप प्रसाद, कांग्रेस नेता मुन्ना सिंह, सहित उनके घर पर मौजूद थे।
सेना के जवानों ने उनकी मां,पिता, बहन से धैर्य से काम लेने की बात कही। उसके बाद करमजीत के पार्थिव शरीर को अरदास के लिए गुरुद्वारा ले जाया गया। और उसके बाद खिरगांव मुक्ति धाम ले जाकर गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी गई। अंतिम विदाई के दौरान पिता राजेंद्र सिंह और उनकी बहन और उनकी मां खड़ा होकर दहाड़ मार कर रोने लगे।