अलवर, 29 अप्रैल (हि.स.)। सरिस्का टाइगर रिजर्व से वन्यजीव प्रेमियों के लिए सुखद समाचार सामने आया है। बाघिन एसटी-30 ने हाल ही में तीन शावकों को जन्म दिया है, जिससे रिजर्व में बाघों की कुल संख्या बढ़कर 44 हो गई है। शावकों की उम्र लगभग दो महीने बताई जा रही है।
वन विभाग के अनुसार, बाघिन एसटी-30 और उसके तीनों शावक पूर्णतः स्वस्थ हैं। वर्ष 2023 में इस बाघिन को रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से सरिस्का लाया गया था और टाइगर पुनर्स्थापन योजना के अंतर्गत टहला रेंज के भगानी क्षेत्र में छोड़ा गया था।
मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) संग्राम सिंह ने बताया कि हाल ही में गश्त के दौरान वनकर्मियों ने बाघिन को उसके शावकों के साथ देखा। इसके बाद विभाग ने क्षेत्र में सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था को और अधिक मजबूत कर दिया है। कैमरा ट्रैप की संख्या बढ़ाई गई है तथा ज़मीन स्तर पर गश्त भी तेज कर दी गई है, ताकि मां और शावकों को शांत व सुरक्षित वातावरण मिल सके।
बाघिन के मां बनने के साथ ही अब सरिस्का टाइगर रिजर्व में 18 बाघिन, 11 बाघ और 17 शावक मौजूद हैं, जिनमें तीन नवजात शावक शामिल हैं।
राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा ने इस सूचना पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए वन विभाग और समर्पित वनकर्मियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह सरिस्का की वन्यजीव संरक्षण यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे बाघों की दृश्यता बढ़ेगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।”
पर्यावरण एवं वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि शावकों का प्राकृतिक वातावरण में सुरक्षित रूप से पालन-पोषण सरिस्का के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इससे जैव विविधता मजबूत होगी और संरक्षण प्रयासों को नई दिशा मिलेगी।
वन विभाग ने पर्यटकों और स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे सरिस्का टाइगर रिजर्व के नियमों का पालन करें और बाघिन व उसके शावकों के क्षेत्र में किसी प्रकार का हस्तक्षेप न करें।