बीरभूम, 04 जून (हि.स.) — रामपुरहाट महकमे के मुरारई, नलहाटी, रामपुरहाट, मारग्राम और मयूरेश्वर इलाकों में टोटो वाहनों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है। बेरोजगारी की मार झेल रहे युवकों के लिए यह रोजगार का साधन बना है, लेकिन नाबालिग और नशे में धुत चालकों के कारण दुर्घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, टोटो का संचालन अब नियमों से बाहर, बिना रूट और बिना किसी ट्रैफिक नियम पालन के हो रहा है। छोटे शहरों से लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग तक नाबालिग चालक बेधड़क टोटो चला रहे हैं। इससे न केवल पैदल यात्रियों को खतरा है, बल्कि दैनिक जाम, मारपीट और अधिक किराया वसूली की घटनाएं भी बढ़ रही हैं।
🚨 घातक हो रहा टोटो का अनियंत्रित संचालन
रामपुरहाट की निवासी सरबनी मंडल ने कहा, “टोटो अब साधन से ज़्यादा सिरदर्द बनता जा रहा है। हर दिन एक नई दुर्घटना, और प्रशासन का रवैया बेहद ढीला है।”
मुरारई निवासी इकबाल खान ने बताया कि हाल ही में एक नाबालिग चालक द्वारा चलाई गई टोटो ने एक व्यक्ति की जान ले ली। कई अन्य लोग घायल हुए और कुछ के पैर टूट गए। जब पुलिस को सूचित किया गया तो जवाब मिला कि “टोटो अवैध हैं और MV Act के दायरे में नहीं आते।”
⚖️ प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल
हालांकि प्रशासन ने कुछ महीने पहले टोटो नियंत्रण के लिए बारकोड स्कैन, वन-वे सिस्टम और नाबालिगों पर सख्ती जैसे कदम उठाने की बात कही थी, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि आज भी नाबालिग चालकों का आतंक बरकरार है। शहर की सड़कों से लेकर गांव की गलियों तक ये टोटो धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं।
🚧 यातायात सुरक्षा पर संकट
स्थानीय नागरिकों में इस बात को लेकर रोष है कि प्रशासन की निष्क्रियता से आमजन की जान जोखिम में है। नाबालिगों को टोटो सौंपने वाले अभिभावकों की भी जवाबदेही तय होनी चाहिए। अगर दुर्घटनाएं होती हैं तो मुआवजे की मांग तो होती है, लेकिन इसके पीछे जिम्मेदार कौन है?
अब समय आ गया है कि सख्त कानूनी कदम उठाए जाएं ताकि नाबालिगों और नशे में टोटो चलाने वालों पर रोक लगे और आम जनता को राहत मिले।