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अक्षय तृतीया पर बारिश के अलग-अलग तरीके से शगुन देखने की परंपरा, अच्छी बारिश होने का अनुमान

बाड़मेर, 30 अप्रैल (हि.स.)। अक्षय तृतीया पर सदियों से बारिश के अलग-अलग तरीके से शगुन देखने की परंपरा रही है। इस साल भी बाड़मेर कृषि मंडी अनाज व्यापार संघ की ओर से दो तरीके से बारिश के शगुन देखे गए। जेठ और आषाढ माह में अच्छी बारिश होने का अनुमान है। व्यापार संघ के अध्यक्ष हंसराज कोटड़िया का कहना है कि हम 41 सालों से देशी तरीके से शगुन देखते है। इसमें 75 फीसदी बार शगुन सही होती है। कुल्हड़ फूटने से जेठ और आषाढ़ माह का कुल्हड़ फूटने से यह अनुमान लगाया गया कि इस माह में अच्छी बारिश होगी। वहीं व्हाइट रूई पहले डूबने से सुकाल की संभावना है। जमाना बराबर रहने का अनुमान है।

दरअसल, राजस्थान सहित पूरे देश में अधिकांश आबादी खेती पर निर्भर रहती है। राजस्थान में खेती के लिए अच्छी बारिश की आवश्यकता होती है। बारिश का पूर्वानुमान लगाने की परंपरा काफी पुरानी है। अलग-अलग समाज व व्यापारी संघ शगुन देखते है। हरियाली अमावस्या से अक्षया तृतीया तक अलग-अलग समाजों की ओर से मौसम व अनाज के भावों का शगुन देखते है।

कोटड़िया ने बताया- हर साल की भांति इस साल भी अनाज मंडी में बारिश व अनाज भावों के शगुन देखे गए। शगुन देखने के तीन तरीके हमारे ओर से अपनाए गए है। एक तरीका मिट्‌टी की 5 कुल्हड़ी में बराबर पानी भर रख दिए। उन पांचों के माह का नाम रखे गए। अलग-अलग कुल्हड़ी का नाम जेठ, आषाढ़, सावन, भादों और बीच में एक थम रखा गया। जेठ, आषाढ़ माह कुल्हड़ी दोनों एक साथ फुटने पर दोनों माह में अच्छी बारिश होने का अनुमान है। उसके बाद थम का मतलब हर माह में कुछ न कुछ बारिश होने का अनुमान लगाया है।

दूसरा तरीका है एक बर्तन के अंदर पानी भरा जाता है। उसमें दो प्रकार एक व्हाइट और दूसरी ब्लैक ऊन रखी जाती है। जो ऊन पहले डूब जाती है। सफेद ऊन का मतलब है सुकाल और ब्लैक का ऊन का मतलब है अकाल। इस बार सफेद पहले डूब गई। जमाने में थोड़ी कमजोरी रहेगी। ऐसा सगुन में प्रतीत होता है।

तीसरा तरीको अनाज के भावों का है। हमारे बाड़मेर में जो भी अनाज की पैदावार होती है जैसे, मूंग, मोठ, ग्वार, मतीरा, बाजरा। यह पांच प्रकार के अनाज की ठुगलियां बनाई जाती है। उसमें पेपर पर भाव लिखे जाते है। इस साल में क्या भाव बनेंगे। वही अलग-अलग अनाज की ठुगलियों पर गुड़ रखा जाता है। जब मक्खी जिस गुड़ ठुगली पर पहले बैठती है वो भाव इस साल रहते है। सगुन में इस बार मूंग के भाव 80 रुपए, मोठ के भाव 55 रुपए, तिल के भाव 85 रुपए, ग्वार के भाव 50 रुपए, मतीरों के भाव 250 रुपए और बाजरी 27 रुपए। इस तरीके से हमने तीन तरीके से भाव देखें। इस बार भादवा माह में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है और अकाल की संभावना नहीं के बराबर है।

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