रीवा, 18 फरवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में मंगलवार को तेज रफ्तार ट्रक ने एक मोटरसाइकिल पर सवार पांच युवकों को कुचल दिया। इसमें चार युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक युवक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा इतना भीषण था कि ट्रक की चपेट में आने से चारों के शव के टुकड़े-टुकड़े हो गए। पांच घंटे तक शव सड़क पर पड़े रहे। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। हालत यह थे कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए पोटली में ले जाना पड़ा। युवकों की मौत से भड़के परिजन और ग्रामीणों ने जेरुका में चक्काजाम कर दिया। इससे पांच किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लग गई।
हादसा रीवा जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर रीवा-सेमरिया मार्ग चोरहटा थाना के ग्राम बंकुइया में हुआ। बताया जा रहा है कि पांचों युवक एक ही मोटर सायकल में सवार होकर सड़क से गुजर रहे थे, तभी तेज रफ़्तार में आ रहे ट्रक ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया।
चोरहटा थाना प्रभारी आशीष मिश्र ने बताया कि एक ही मोटरसाइकिल में सवार होकर पांच युवक अपने घर जा रहे थे, तभी यह हादसा हो गया। इसमें चार युवकों की मौके पर ही मौत हो गई है, जबकि एक युवक घायल हुआ है, जिसे रीवा के संजय गांधी स्मृति हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। सभी मृतक जेरूका गांव के रहने वाले हैं। मृतकों की पहचान आशीष साकेत, शिवबहादुर साकेत, सागर साकेत और नवीन साकेत के रूप में हुई। ये सभी युवक दोस्त थे। पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए संजय गांधी अस्पताल भेज दिया है और मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
इधर, घटना से मृतकों के परिजनों ने अवैध उत्खनन का मुद्दा उठाते हुए मौके पर जाम लगा दिया। उनका आरोप है कि अवैध उत्खनन के चलते सड़क पर डंफर तेज रफ्तार में दौड़ते हैं, जिससे दुर्घटना हुई है। मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन के अमला ने स्थानीय लोगों को समझाइश देकर शांत कराया। इसके बाद पुलिस ने जाम खुलवाया।
मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि अगर किसी अमीर परिवार के बच्चे होते, तो लाशें तुरंत हटा ली जातीं, लेकिन यहां पांच घंटे तक सड़क पर शव टुकड़ों में बिखरे रहे। मृतक आशीष की दादी कलाबाई साकेत ने बताया कि खनिज माफिया के ट्रक बस्ती से तेज रफ्तार में गुजरते हैं, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं। उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही और गरीबों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। मृतक के चाचा रमेश साकेत ने कहा कि पांच गंटे तक तक मेरे जिगर के टुकड़े का शव सड़क पर यूं ही पड़ा रह गया। न हमें लाश को उठाने दिया गया। न ही प्रशासन ने उठाई। हर कोई तमाशा देखता रहा। हम सड़क पर बैठकर सिर पीटते रहे।