जालौन, 19 फ़रवरी (हि.स.)। नकली नोटों के मामले में दोष सिद्ध होने पर न्यायाधीश ने दो को दस-दस साल की सजा सुनाई है और बीस-बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।
एसओजी प्रभारी राजेंद्र सिंह भदौरिया और थानाध्यक्ष कुठौंद स्वतंत्र कुमार सिंह अपने हमराहियों के साथ अगस्त 2012 को अपराध रोकथाम के लिए गस्त पर थे। तभी सूचना मिली के जाली करेंसी नोट के चलाने वाले एजेंट जालौन कोतवाली क्षेत्र से उरई कोतवाली क्षेत्र में आएं हैं। पुलिस जैसे ही कुछ दूर पहुंची कि सूचना मिली कि जालौन के नकली नोटों का सरगना सूरज प्रसाद उर्फ सरोज कंजड़ के सहयोगी जाली करेंसी नोटों के चलाने वाले एजेंट तौफीक और इकबाल कोंच बस स्टेट के पीछे मौजूद हैं। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर घेराबंदी कर दोनों आरोपियों को पकड़ लिया। पुलिस की पूछताछ में दोनों ने अपना अपना नाम तौफीक और इकबाल कोतवाली जालौन बताया। पुलिस ने इनके पास से हजारों के नकली नोट बरामद कर जेल भेज दिया था।
पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ 17 अक्टूबर 2012 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। 13 साल चले ट्रायल के बाद बुधवार को सुनवाई पूरी हुई जिसमें दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर अपर जिला जज प्रथम शिवकुमार ने तौफीक और इकबाल को दोषी पाते हुए सजा सुनाई है।