नवाचार का महाकुंभ शुरू
भोपाल, 8 अक्टूबर (हि.स.)। उज्जैन महाकुंभ हैकाथॉन-2025 का दो दिवसीय ग्रैंड फिनाले आज भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) भोपाल में शुरू हो गया। यह आयोजन सिंहस्थ 2028 के प्रबंधन को तकनीकी नवाचार से अधिक कुशल और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
उद्देश्य और दृष्टि
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने बताया कि उज्जैन महाकुंभ हैकाथॉन-2025 केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि नवाचार के माध्यम से वास्तविक चुनौतियों का समाधान खोजने का मिशन है। इस पहल का मकसद लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और अनुभव को बेहतर बनाना है।
तकनीक और परंपरा का संगम
दुबे ने कहा कि सिंहस्थ जैसे विशाल आयोजन की जटिल चुनौतियों को हल करने के लिए यह हैकाथॉन युवाओं, स्टार्टअप्स और शैक्षणिक संस्थानों को जोड़ने का एक अनूठा प्रयास है। उज्जैन महाकुंभ हैकाथॉन-2025 परंपरा और प्रौद्योगिकी के संगम का प्रतीक है।
देशभर से भागीदारी
इस हैकाथॉन में मध्य प्रदेश सहित 11 राज्यों से 1,700 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। चरणबद्ध मूल्यांकन के बाद 36 सर्वश्रेष्ठ टीमों को फिनाले के लिए चुना गया। ये टीमें स्मार्ट मोबिलिटी, सुरक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल अनुभव जैसे चार प्रमुख क्षेत्रों पर अपने कार्यशील प्रोटोटाइप प्रस्तुत करेंगी।
विजेता टीमों को मिलेगा सम्मान
फिनाले के अंत में शीर्ष तीन टीमों को क्रमशः आठ, पांच और तीन लाख रुपये के नकद पुरस्कार दिए जाएंगे। उज्जैन महाकुंभ हैकाथॉन-2025 राज्य की नवाचार भावना और डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक प्रेरक कदम है।