यूकेएसएसएससी पेपरलीक विवाद में SIT का खुलासा
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा एक बार फिर चर्चा में रही। सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र के कुछ पन्ने वायरल होने के बाद यूकेएसएसएससी पेपरलीक का मामला तूल पकड़ गया। लेकिन SIT जांच में बड़ा खुलासा हुआ है।
परीक्षा की शुचिता पर कोई असर नहीं
आयोग अध्यक्ष गणेश सिंह मर्तोलिया ने स्पष्ट किया कि यूकेएसएसएससी पेपरलीक जैसा कोई मामला सामने नहीं आया। उन्होंने कहा कि परीक्षा की शुचिता और प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ा है।
सोशल मीडिया पर वायरल स्क्रीनशॉट
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि परीक्षा शुरू होने के करीब 35 मिनट बाद पेपर के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर डाले गए। SIT जांच में पता चला कि प्रश्नपत्र की फोटो खालिद मलिक नामक व्यक्ति की ओर से भेजी गई थी। इसके बाद यह स्क्रीनशॉट एक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर तक पहुंचा और फिर कई अकाउंट्स पर वायरल कर दिया गया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने तुरंत SIT गठित की और अब तक दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। जांच में यह भी पाया गया कि यूकेएसएसएससी पेपरलीक को लेकर फैली खबरें परीक्षा प्रणाली को सनसनीखेज बनाने की कोशिश थीं। पुलिस खालिद मलिक की तलाश में जुटी है और पुख्ता साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
कोई संगठित गिरोह नहीं
जांच में अब तक किसी संगठित गिरोह या पेपर माफिया की भूमिका सामने नहीं आई है। केवल एक सेंटर से कुछ प्रश्नों के फोटो वायरल हुए थे। पुलिस ने संबंधित लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
निष्कर्ष
SIT जांच से साफ है कि यह यूकेएसएसएससी पेपरलीक नहीं था, बल्कि सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाह थी। परीक्षा की शुचिता सुरक्षित है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।