जयपुर, 27 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह बौद्धिक शिक्षण प्रमुख दीपक विसपुते ने कहा कि राष्ट्र और समाज का सर्वांगीण विकास ही संघ का ध्येय है। प्रत्येक स्वयंसेवक का कार्य गुणवत्ता युक्त होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्य, कुटुंब प्रबोधन और स्वदेशी जागरण जैसे क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए कार्य किया जा रहा है।
विसपुते रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मालवीय भाग के गुणवत्ता संचलन एवं भाग एकत्रीकरण कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर पथ संचलन में अनुशासन और एकता का अद्वितीय प्रदर्शन हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत गौरव पुरस्कार विजेता गौरव शर्मा ने अपने माउंट एवरेस्ट अभियान के अनुभव साझा करते हुए कहा कि जो व्यक्ति अपने मन के एवरेस्ट पर विजय प्राप्त कर लेता है, उसके लिए कोई भी बाधा असंभव नहीं रहती।
कार्यक्रम के दौरान अनुशासित स्वयंसेवकों ने घोष के साथ संचलन करते हुए समाज के सामने संघ के उद्देश्यों और कार्यों को प्रस्तुत किया। पथ संचलन कार्यक्रम स्थल प्रताप नर्सरी से शुरू होकर कैलाश टावर, टोंक रोड, नगर निगम और विधानसभा के सामने से मुख्य मार्गों से होते हुए स्वयंसेवकों ने अनुशासन और एकता का संदेश दिया।
समारोह में बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकों और महिलाओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के समापन पर मालवीय भाग संघ चालक राम मोहन गर्ग ने उपस्थित नागरिकों और मातृशक्ति का विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां समाज में एकता, अनुशासन और संगठन के महत्व को रेखांकित करती हैं।