लखनऊ, 12 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर में वैश्विक हब बनाने का सपना अब हकीकत का रूप ले रहा है। यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) में तेज प्रगति हुई है और अब तक 62 कंपनियों को 977.54 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जा चुकी है। इन कंपनियों से 11,997.45 करोड़ रुपये के निवेश और 14,256 प्रत्यक्ष रोजगार का रास्ता साफ हो चुका है।
इसके अलावा, 110 कंपनियों के साथ एमओयू प्रक्रिया पाइपलाइन में है, जिससे 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश और 38 हजार रोजगार की संभावनाएं बन रही हैं। कुल मिलाकर कॉरिडोर के लिए अब तक 197 एमओयू हो चुके हैं, जिनमें से 172 औद्योगिक हैं। इनसे 34,844.49 करोड़ निवेश और 52,658 नौकरियां उत्पन्न होंगी।
6 नोड्स में तेज काम, भूमि अधिग्रहण लगभग पूरा
यूपी एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) ने अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट और आगरा—इन छह नोड्स में 2,097 हेक्टेयर भूमि अनुमोदित की है। इसमें से 2,040 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण भी पूरा हो चुका है। वर्तमान में 1,598.92 हेक्टेयर भूमि आवंटन के लिए उपलब्ध है।
- अलीगढ़ में सबसे अधिक 24 कंपनियों को जमीन मिली है।
- कानपुर में 210 हेक्टेयर जमीन 5 कंपनियों को आवंटित।
- झांसी में 17 कंपनियों को 571 हेक्टेयर भूमि।
- लखनऊ में 16 कंपनियों को 131 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवंटित।
चित्रकूट, अलीगढ़ फेज-2 और आगरा नोड में भी आवंटन प्रक्रिया शुरू होने को तैयार है।
ब्रह्मोस यूनिट ने बढ़ाई रणनीतिक अहमियत
यूपीडीआईसी की रणनीतिक सफलता का सबसे बड़ा उदाहरण लखनऊ नोड में स्थापित ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट है। इससे कॉरिडोर की राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर विश्वसनीयता बढ़ी है। यूपीडा के एसीईओ एचपी शाही के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी के “मेक इन इंडिया” और “एक जिला-एक उत्पाद” विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश अब रक्षा विनिर्माण में गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों को कड़ी टक्कर दे रहा है।




