उत्तर प्रदेश के प्रथम एआरटी सेंटर का 20 वर्ष पूर्ण, 28,000 एचआईवी संक्रमित पंजीकृत — बीएचयू में विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता शिविर
वाराणसी, 1 दिसंबर (हि.स.)। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) चिकित्सा विज्ञान संस्थान के एआरटी सेंटर और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (एचआईवी केयर) द्वारा सोमवार को व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। सर सुन्दर लाल चिकित्सालय के बहिरंग विभाग परिसर में जागरूकता शिविर का शुभारंभ प्रो. गोपाल नाथ, प्रो. सम्पा अन्नपूर्वा, प्रो. के.के. गुप्ता और प्रो. एल.पी. मीणा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
एआरटी सेंटर की नोडल अधिकारी प्रो. जया चक्रवर्ती ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पहले इस एआरटी सेंटर को 20 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इन दो दशकों में कुल 28,000 एचआईवी संक्रमित पंजीकृत हुए हैं। वर्तमान में 4,500 मरीज नियमित दवा ले रहे हैं, जबकि 1,500 से अधिक संक्रमित 10 वर्ष से अधिक समय से लगातार उपचार प्राप्त कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष लगभग 800 नए मरीज पंजीकृत हो रहे हैं। पूर्वांचल, बिहार और झारखंड से गंभीर अवस्था में आए 500 से अधिक एचआईवी संक्रमित मरीजों का बीएचयू एसएस हॉस्पिटल में उपचार किया गया।
अत्याधुनिक दवाओं से संभव लंबा और गुणवत्तापूर्ण जीवन
प्रो. चक्रवर्ती ने बताया कि अब अत्यधिक प्रभावी एंटी-रेट्रोवायरल (ARV) दवाएं उपलब्ध हैं, जिनमें रोज एक गोली से मरीज लंबे समय तक स्वस्थ और सामान्य जीवन जी सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों में ब्लड प्रेशर, मधुमेह और कैंसर का जोखिम अधिक रहता है, इसलिए एआरटी सेंटर में एक ही छत के नीचे सभी जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
कर्मचारियों की 10 वर्ष की उल्लेखनीय सेवा
एआरटी सेंटर में पिछले 10 वर्षों से निरंतर सेवा दे रहे विशेषज्ञ—
डॉ. अनुराधा जौहरी, डॉ. अर्चना सिंह, डॉ. मनोज कुमार तिवारी, ममता चक्रवर्ती, अनिल सिंह, विशाल कटियार, डॉ. अमरजीत सिंह, शिप्रा, सुनील सिंह, पवन कुशवाहा और रश्मि तिवारी को इस अवसर पर विशेष रूप से सराहा गया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और जागरूकता
शिविर में मरीजों व परिजनों को HIV से बचाव, जांच और इलाज की जानकारी दी गई। वहीं विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर जागरूकता का संदेश दिया।



