उरई, 30 सितंबर। उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद का महिला परिवार परामर्श केंद्र एक मिसाल बनकर उभरा है। जनवरी से सितंबर 2025 तक की अवधि में केंद्र की टीम ने 180 परिवारों को टूटने से बचाया। ये वे परिवार थे, जहां पति-पत्नी या अन्य सदस्यों के बीच गंभीर मतभेदों के कारण रिश्ते बिखरने के कगार पर पहुंच गए थे।
पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने बताया कि पुलिस कार्यालय में स्थापित परामर्श केंद्र की टीम ने हर मामले को बेहद संवेदनशीलता और गंभीरता से लिया। पति-पत्नी और उनके परिजनों के बीच उपजे जटिल विवादों में गहन काउंसलिंग और मध्यस्थता कर समाधान किया गया।
टीम ने प्रत्येक मामले में दोनों पक्षों की बात धैर्यपूर्वक सुनी, उनकी भावनाओं को समझा और विवाद की जड़ तक पहुंचने का प्रयास किया। इसी वजह से अधिकांश परिवारों ने साथ रहने का निर्णय लिया और भविष्य में आपसी झगड़ों से बचने तथा पारिवारिक जिम्मेदारियों का पालन करने का आश्वासन दिया।
काउंसलिंग प्रक्रिया में परिवारों को मानसिक और भावनात्मक समर्थन भी प्रदान किया गया, जिससे रिश्तों में विश्वास और समरसता कायम रही। नौ माह के इस प्रयास में केंद्र की टीम ने 180 परिवारों को बिखरने से बचाकर समाज में सकारात्मक संदेश दिया है।
डॉ. दुर्गेश कुमार ने कहा कि यह पहल यह दर्शाती है कि पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि पारिवारिक सौहार्द और सामाजिक स्थिरता बनाए रखने में भी सक्रिय भूमिका निभा रही है।
इस सफलता से यह साबित हुआ कि सुनियोजित परामर्श और मध्यस्थता के माध्यम से परिवारों के बीच मतभेदों को कम किया जा सकता है और समाज में स्थिरता लाई जा सकती है।