नया सोसाइटी पंजीकरण एक्ट
उत्तर प्रदेश में जल्द ही सोसाइटी पंजीकरण एक्ट लागू होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संस्थाओं के पंजीकरण, नवीनीकरण और संपत्तियों के प्रबंधन के लिए युगानुकूल प्रावधान जरूरी हैं।
पारदर्शिता और जवाबदेही
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान कानून में पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और सदस्य विवादों के समयबद्ध निस्तारण के स्पष्ट प्रावधान नहीं हैं। नए कानून से निष्क्रिय या संदिग्ध संस्थाओं का निरस्तीकरण और संपत्ति का सुरक्षित प्रबंधन सुनिश्चित होगा।
ऑनलाइन प्रक्रिया और वित्तीय नियंत्रण
नवीनीकरण और पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन और KYC आधारित होगी। वित्तीय लेन-देन की जवाबदेही और लेखा-परिक्षण को और मजबूत किया जाएगा। इसका उद्देश्य संस्थाओं के संचालन में सुशासन और पारदर्शिता बढ़ाना है।
संस्थाओं के संचालन में सुधार
प्रदेश में लगभग आठ लाख संस्थाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, खेल और सामाजिक समरसता जैसे क्षेत्रों में काम कर रही हैं। सोसाइटी पंजीकरण एक्ट से उनके संचालन, सदस्यता, चुनाव और वित्तीय अनुशासन में सुधार होगा।
विवाद निवारण और प्रबंध समिति की भूमिका
किसी भी विवाद की स्थिति में प्रबंध समिति ही संस्था के संचालन का निर्णय लेगी। सरकार या स्थानीय प्रशासन का हस्तक्षेप न्यूनतम रहेगा। यह प्रावधान संस्थाओं की संपत्ति और कार्यक्षमता को सुरक्षित बनाएगा।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में नया सोसाइटी पंजीकरण एक्ट लागू होने से संस्थाओं के सुचारु संचालन, विवाद कम होने और पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह कदम राज्य की सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को और प्रभावी बनाएगा।