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उत्तराखंड निकाय चुनाव : नामांकन जांच में कई उम्मीदवार मैदान से बाहर, 202 नामांकन निरस्त

देहरादून, 02 जनवरी (हि.स.)। उत्तराखंड में नगर स्थानीय निकाय चुनाव 2024 के लिए नामांकन प्रक्रिया का सबसे नाटकीय दिन आखिरकार सामने आया। नामांकन जांच के आखिरी दिन एक बड़ा “राजनीतिक छटनी दिवस” देखने को मिला, जहां कुल 202 नामांकन निरस्त कर दिए गए। इसमें नगर प्रमुख, अध्यक्ष और सभासद/सदस्य पदों के उम्मीदवार शामिल हैं।चुनाव कार्यालयों में आज का माहौल किसी कोर्टरूम ड्रामा से कम नहीं था। उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ बड़ी उम्मीद लेकर पहुंचे थे, लेकिन कई के लिए यह दिन सपने टूटने जैसा साबित हुआ।

नामांकन निरस्त के आंकड़े :- नगर प्रमुख पद के दाे नामांकन खारिज।- अध्यक्ष पद के 32 नामांकन (20 नगर पालिका परिषद, 12 नगर पंचायत) खारिज।- सभासद/सदस्य पद के 168 नामांकन (58 नगर निगम, 53 नगर पालिका परिषद, 57 नगर पंचायत) निरस्त।

दस्तावेजों का “राजनीतिक भूलभुलैया”जांच प्रक्रिया के दौरान कई मजेदार और दिलचस्प किस्से सामने आए। जांच में कई नामांकन पत्र अधूरे निकले। एक नगर पंचायत अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का नामांकन इसलिए खारिज हुआ क्योंकि वे जरूरी दस्तावेज भूलकर चाय के ढाबे पर छोड़ आए थे। जब तक दस्तावेज पहुंचे, जांच प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी।

दस्तखत का ड्रामा एक उम्मीदवार का नामांकन इसलिए खारिज हुआ क्योंकि उन्होंने फॉर्म पर अपने दस्तखत हिंदी और अंग्रेजी दोनों में कर दिए थे, जिससे संदेह पैदा हुआ कि कहीं दस्तावेज फर्जी तो नहीं हैं।

समर्थकों की मायूसीनामांकन निरस्त होने के बाद एक उम्मीदवार के समर्थक इतने निराश हुए कि उन्होंने मौके पर ही नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि, प्रशासन ने स्थिति को संभाल लिया।

राजनीतिक समीकरणों में बदलावनामांकन निरस्त होने के बाद अब कई सीटों पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। कुछ बड़े चेहरे मैदान से बाहर हो गए हैं, जिससे दूसरी पार्टियों को अप्रत्याशित बढ़त मिल सकती है।

आगे की राहनामांकन खारिज होने वाले उम्मीदवार अब अपील कर सकते हैं, लेकिन अंतिम सूची जारी होते ही चुनावी प्रचार अपनी रफ्तार पकड़ लेगा। इस बार के निकाय चुनाव में राजनीति की नाटकीयता, सस्पेंस और उतार-चढ़ाव से कोई अछूता नहीं रहेगा। कौन जीतेगा, कौन हारेगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल हर कोई यह कह रहा है चुनाव तो दिलचस्प होने वाला है।

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