देहरादून, 2 अक्टूबर।
उत्तराखंड सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परीक्षा पर निगरानी रखने के लिए विशेषज्ञों की सलाह से एक समिति के गठन के निर्देश दिए हैं। समिति प्रतियोगी परीक्षाओं की कड़ी निगरानी करेगी और परीक्षा संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में परीक्षाओं में किसी भी प्रकार की शंका या संदेह की संभावना नहीं रहनी चाहिए। इसी दृष्टिकोण से सरकार ने यूकेएसएसएससी की 21 सितंबर को हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपरलीक मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। सीबीआई जांच से पूरे प्रकरण की गहन और निष्पक्ष विवेचना होगी और दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाएगा।
जांच के दौरान पता चला कि आरोपित खालिद ने वर्ष 2023 से 2025 तक कुल नौ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन किया, जिनमें से पांच में उसने परीक्षा नहीं दी। जिन परीक्षाओं में उसने हिस्सा लिया, उनके अंक काफी कम रहे। कुछ परीक्षा ऐसे भी थे जिनकी शैक्षिक योग्यता खालिद के पास नहीं थी। पुलिस और एसआईटी टीम इस पर भी जांच कर रही है कि आरोपित ने इन परीक्षाओं के लिए आवेदन क्यों किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार परीक्षाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं। इस पहल से उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं की स्वच्छता और विश्वसनीयता बढ़ाने में मदद मिलेगी।