मौन जुलूस में विभाजन का दर्द
पूर्वी चंपारण में गुरुवार को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर भाजपा ने मौन जुलूस निकाला। यह जुलूस गांधी कॉम्प्लेक्स से शुरू होकर शौर्य स्तंभ तक पहुंचा। कार्यक्रम में सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह मौजूद रहे।
1947 की भयावह यादें
राधा मोहन सिंह ने कहा कि 14 अगस्त 1947 का विभाजन इतिहास का सबसे बड़ा विस्थापन था। इसमें डेढ़ करोड़ से अधिक लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए और करीब 15-20 लाख लोगों की मौत हुई। उन्होंने बताया कि हजारों महिलाओं के साथ बलात्कार, अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और सीमा पार बेचने जैसी अमानवीय घटनाएं हुईं।
दशकों तक रहा दर्द अनकहा
सिंह ने कहा कि इन दर्दनाक कहानियों को दशकों तक नजरअंदाज किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2021 को घोषणा की थी कि हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा, ताकि इन पीड़ितों को याद रखा जा सके।
नेताओं और जनता की भागीदारी
मौन जुलूस में मोतिहारी विधायक प्रमोद कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष पवन राज, उप महापौर डॉ. लालबाबू प्रसाद सहित कई पदाधिकारी और बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। सभी ने 1947 के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को याद किया।
स्मृति दिवस का महत्व
स्थानीय नेताओं ने कहा कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाना इतिहास के दर्द को याद रखने और आने वाली पीढ़ियों को सच बताने का तरीका है, ताकि ऐसे हादसे फिर न दोहराए जाएं।