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विस छत्तीसगढ़ : ध्यानाकर्षण में अजय चंद्राकर ने उठाया सिकलसेल संस्थान में सिकलसेल मरीजों के इलाज में असुविधा का मामला

रायपुर, 5 मार्च (हि.स.)। सिकलसेल संस्थान में सिकलसेल के मरीजों की इलाज की सुविधा नहीं होने का मामला ध्यानाकर्षण के ज़रिए भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने आज विधानसभा में उठाया। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि पीड़ित मरीज अपनी मौत का इंतज़ार कर रहे हैं। प्रदेश में सिकलसेल बीमारी से 25 लाख लोग पीड़ित है,सिर्फ एक ही चिकित्सा संस्थान रायपुर में है लेकिन पर्याप्त विशेषज्ञ नहीं है। कोई रिसर्च नहीं किया जाता। संचालन के लिए स्वयं का भवन तक नहीं है। मरीज इलाज के लिए दर दर भटक रहे हैं।

मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि राज्य में एकमात्र सिकलसेल संस्थान है। राज्य के सरकारी चिकित्सालय में सिकलसेल प्रबंधन सेल शुरू किया गया है।सिकलसेल को लेकर वैज्ञानिकों ने 19 शोध पत्र प्रकाशित किया है। चिकित्सकों की नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सिकलसेल सेंटर ऑफ़ एक्सिलेंस में बोनमैरो ट्रांसप्लांट की व्यवस्था शुरू की जा रही है। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा- जब मैं स्वास्थ्यमंत्री था तक सिकलसेल संस्थान शुरू किया गया था। भूपेश सरकार तो सिर्फ भवन के लिए नारियल फोड़कर चुप बैठ गई।उन्होंने पूछा कि संस्थान में कितने डॉक्टर और विशेषज्ञ हैं?

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा प्रदेश में सिकलसेल के लिए बड़ा काम किया गया है। 23 जून 2023 को भूपेश सरकार ने आनन फ़ानन में सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के लिए भूमिपूजन कर लिया था। हमारी सरकार आने के बाद से अब तक 11 बैठके हम कर चुके हैं। 180 का सेटअप है,28 कार्यरत हैं। इनमें से 4 विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। हमारा प्रयास होगा कि जल्द से जल्द डॉक्टरों की भर्ती की जाए। जब तक भर्ती नहीं होती तब तक डॉक्टरों को अटैच कर कार्यवाही की जाएगी।

अजय चंद्राकर ने पूछा कि संस्थान में कितनी मशीन उपलब्ध है, और कितने मानव संसाधन है?स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आवश्यकतानुसार चार उन्नत मशीनें उपलब्ध हैं। जांच के लिए मानव संसाधन उपलब्ध है। प्रतिदिन 60 मरीजों की जांच की जा रही है। नौ तकनीशियन मशीनों को ऑपरेट करने के लिए हैं।भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा- सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस बनाने के लिए कितने दिनों में बोनमैरो ट्रांसप्लांट, शोध आदि की अनुमति मिल जाएगी? संस्थान के ठीक बाजू बंगले में मंत्री रहते थे।उस बंगले की जमीन को भी संस्थान के लिए दिया जाना था। क्या किसी तरह की आर्थिक अनियमितता की शिकायत पाई गई है?

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि करीब दो एकड़ जमीन थी। किसी भी तरह की आर्थिक अनियमिता की जानकारी नहीं है। यह दुर्भाग्य है कि किसी भी स्वास्थ्य मंत्री ने सिकलसेल संस्थान को मजबूत करने के लिए काम नहीं किया है। यह मेरी प्राथमिकता में है। अजय चंद्राकर जिस आर्थिक अनियमितता की जानकारी दे रहे हैं, उसका परीक्षण किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर जांच कराई जाएगी।

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