नैनीताल के विश्वनाथ साह बने झारखंड के प्रमुख वन संरक्षक, गृहनगर में खुशी की लहर
नैनीताल, 6 नवंबर (हि.स.)। नैनीताल के मूल निवासी और भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी विश्वनाथ साह को झारखंड सरकार में प्रमुख वन संरक्षक (PCCF) पद पर पदोन्नत किया गया है। यह पद वन विभाग का सर्वोच्च पद माना जाता है। उनकी नियुक्ति उनके उत्कृष्ट प्रशासनिक कौशल, पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पण और वन्यजीव संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान का परिणाम है।
विश्वनाथ साह भारतीय वन सेवा 1993 बैच के अधिकारी हैं और झारखंड कैडर में कार्यरत हैं। वर्तमान में वे झारखंड जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष, झारपार्क्स के निदेशक, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मानव संसाधन विकास विभाग के प्रभारी भी हैं। उनके तीन दशकों से अधिक के करियर में वनों के संरक्षण, जैव विविधता संवर्धन और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए कई नवोन्मेषी पहल की गई हैं।
उनकी शिक्षा सेंट जोसेफ कॉलेज और डीएसबी परिसर से हुई। वे भारतीय वन प्रबंधन संस्थान भोपाल के प्रथम बैच के छात्र रहे और निदेशक स्वर्ण पदक से सम्मानित किए गए। टाटा ऊर्जा अनुसंधान संस्थान में कनिष्ठ अनुसंधान सहकर्मी के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले साह ने बायोमास मूल्यांकन पर महत्वपूर्ण शोध कार्य किए। उनके शोधपत्र ‘सैम्पलिंग डिजाइन फॉर बायोमास एसेसमेंट-द डिग्रेडेड फॉरेस्ट्स ऑफ अरावली’ के लिए उन्हें इंडियन फॉरेस्टर ब्रैंडिस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
विश्वनाथ साह की पदोन्नति की खबर से नैनीताल में खुशी और गर्व का माहौल है। नगरवासी, बुद्धिजीवी और वन विभाग के कर्मचारी उन्हें बधाई दे रहे हैं। उनके योगदान को गृहनगर और राज्य दोनों के लिए गर्व का विषय बताया जा रहा है।




