पश्चिम बंगाल में आधार डेटा से बड़ा खुलासा: 34 लाख आधारधारक ‘मृत’
पश्चिम बंगाल में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (यूआईडीएआई) ने चुनाव आयोग को बताया है कि राज्य में लगभग 34 लाख आधार कार्ड धारक अब ‘मृत’ पाए गए हैं। इसके अलावा, करीब 13 लाख ऐसे लोग भी गुजर चुके हैं जिन्होंने कभी आधार बनवाया ही नहीं था।
यह जानकारी यूआईडीएआई और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनोज कुमार अग्रवाल की बैठक में सामने आई, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची के आंकड़ों की सटीकता सुनिश्चित करना था।
मतदाता सूची में ‘घोस्ट’ और डुप्लीकेट नामों की पहचान
चुनाव आयोग को मृत, काल्पनिक (घोस्ट), अनुपस्थित और डुप्लीकेट वोटरों को लेकर लगातार शिकायतें मिलती रही हैं। यूआईडीएआई से प्राप्त यह डेटा वोटर लिस्ट को शुद्ध करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
अधिकारियों के अनुसार, 9 दिसम्बर को मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद यदि किसी व्यक्ति का नाम ‘मृत आधारधारक’ सूची में पाया जाता है, तो संबंधित निर्वाचन निबंधक अधिकारी (ईआरओ) उसे सत्यापन के लिए बुला सकता है।
बैंक खातों से भी जुटाए जा रहे हैं इनपुट
अधिकांश बैंक खातों से आधार लिंक है, इसलिए बैंक भी ऐसे खातों की सूची भेज रहे हैं जिनकी केवाईसी लंबे समय से अपडेट नहीं हुई। इससे उन मृत व्यक्तियों की पहचान में मदद मिल रही है जिनके नाम अब भी वोटर लिस्ट में दर्ज हैं।
91% से अधिक घरों में पहुँचा गणना प्रपत्र
एसआईआर अभियान के तहत बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर नामांकन प्रपत्र वितरित कर रहे हैं।
बुधवार रात 8 बजे तक 6.98 करोड़ यानी 91.19 फीसदी प्रपत्र वितरित किए जा चुके थे।




