बंगाल में SIR को लेकर सुरक्षा की मांग, विशेष रोल पर्यवेक्षकों ने केंद्रीय बलों का कवर मांगा
कोलकाता, 13 दिसंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान तैनात विशेष रोल पर्यवेक्षकों ने फील्ड ड्यूटी में सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त इन अधिकारियों ने अपनी सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) उपलब्ध कराने की मांग की है।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि इस संबंध में निर्वाचन आयोग मुख्यालय, नई दिल्ली को औपचारिक अनुरोध भेजा गया है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि जमीनी स्तर पर कार्य के दौरान उन्हें राजनीतिक विरोध और दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
मजिस्ट्रेटी अधिकार का विकल्प भी सुझाया
विशेष रोल पर्यवेक्षकों ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि यदि केंद्रीय बल उपलब्ध कराना संभव न हो, तो उन्हें मजिस्ट्रेटी अधिकार प्रदान किए जाएं। इससे उनके साथ तैनात सुरक्षा बल उनके निर्देशों के अनुसार कार्य कर सकेंगे, जबकि राज्य पुलिस उनकी सुरक्षा व्यवस्था संभालेगी।
सीईओ कार्यालय के अनुसार, दोनों विकल्पों—केंद्रीय सुरक्षा कवर या मजिस्ट्रेटी अधिकार—को लेकर आयोग को सुझाव भेज दिए गए हैं।
दक्षिण 24 परगना की घटना बनी वजह
यह मांग ऐसे समय सामने आई है, जब दक्षिण 24 परगना जिले के फलता इलाके में SIR निगरानी के दौरान विशेष रोल पर्यवेक्षक सी. मुरुगन को विरोध का सामना करना पड़ा था। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस की महिला समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
मुख्यमंत्री के बयान की समीक्षा की मांग
इसी बीच, विशेष रोल पर्यवेक्षकों ने नदिया जिले के कृष्णनगर में आयोजित SIR विरोधी रैली के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की समीक्षा करने का भी अनुरोध किया है। पर्यवेक्षकों का आरोप है कि मुख्यमंत्री के भाषण से मतदाता सूची संशोधन से जुड़े अधिकारियों के खिलाफ उकसावे की स्थिति बनी।
कृष्णनगर रैली में मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर महिलाओं से कहा था कि यदि मतदाता सूची से नाम हटाए जाएं तो वे रसोई के बर्तन लेकर तैयार रहें और आगे आकर संघर्ष करें।




