-डायमंड वर्कर यूनियन के आह्वान पर बड़ी संख्या में हीरा श्रमिक शामिल हुए
सूरत, 30 मार्च (हि.स.)। सूरत के हीरा उद्योग के श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं के समाधान को लेकर रविवार सुबह हड़ताल शुरू की गई। बड़ी संख्या में कतारगाम से हीराबाग तक हीरा उद्योग से जुड़े श्रमिकों ने एकता रैली निकाल कर रोष जताया।
सूरत के हीरा उद्योग में पिछले कुछ महीनों से नोटबंदी और कोरोना काल जैसे हालात पैदा हो गए हैं। हीरा उद्योग के कर्मचारी छंटनी से लेकर वेतन कटौती तक की मार झेल रहे हैं। ऐसे हालत में कर्मचारियों-हीरा कारीगरों के संगठन ने हड़ताल की घोषणा की है। 30 मार्च को हड़ताल के साथ सूरत के कतारगाम से लेकर कापोद्रा हीराबाग तक एकता रैली आयोजित की गई।
इससे पहले डायमंड वर्कर यूनियन की ओर से 10 मार्च को सूरत के कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया था। जिसमें हीरा कारीगरों की समस्या से सरकार को अवगत कराया गया था। यूनियन के उप प्रमुख भावेश टांक ने कहा कि पिछले दो साल से हीरा उद्योग में मंदी का दौर जारी है। बड़ी संख्या में कर्मचारियों का रोजगार छिन गया है और वेतन में कटौती हो रही है। आर्थिक तंगी के कारण लोग जान गंवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि संगठन की मांगों में हीरा कारीगर के लिए कल्याण बोर्ड बनाने, हीरा कारीगरों के लिए आर्थिक पैकेज घोषित करने, महंगाई को ध्यान में रखते हुए 30 फीसदी वेतन वृद्ध करने, हीरा उद्योग में श्रम कानून को लागू करने, व्यवसाय वेरा खत्म करने, आत्महत्या करने वाले परिवारों को आर्थिक सहायता देने, रत्नदीप योजना घोषित किया जाना शामिल है।
जानकारों की मानें तो सूरत के हीरा उद्योग में पिछले 50 साल में सबसे बड़ी मंदी का दौर जारी है। कई कारखाना बंद हो चुके हैं। सूरत में करीब 17 लाख हीरा श्रमिक हैं जो विभिन्न इकाइयों में कार्यरत हैं। मंदी की वजह से वेतन कटौती से लेकर श्रमिकों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।