लखनऊ, 17 जून (हि.स.)।
योग को जन-जन की दिनचर्या में शामिल करने की दिशा में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि पूरे उत्तर प्रदेश में ‘योग पार्क’ स्थापित किए जाएंगे, ताकि सामूहिक योगाभ्यास को स्थायी स्वरूप मिल सके और आमजन को इसके लिए उपयुक्त व संरचित स्थान उपलब्ध कराया जा सके।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, यह योजना प्रदेश के स्थानीय निकायों—नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों और ग्राम पंचायतों—की भागीदारी से लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य सिर्फ एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि योग को दैनिक जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा देना है।
प्रत्येक जिले में दो से तीन ‘योग पार्क’ होंगे स्थापित
सरकार की योजना के अनुसार:
- मण्डलीय मुख्यालयों वाले जिलों में 3-3 योग पार्क,
- जबकि अन्य जिलों में 2-2 योग पार्क विकसित किए जाएंगे।
जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जिले में योग-अनुकूल स्थलों की पहचान करें और आवश्यक प्रस्ताव नगर विकास विभाग के समन्वय से भेजें।
योग-अनुकूल वातावरण होगा प्राथमिकता
चिन्हित स्थलों को स्वच्छ, हरित और शांत वातावरण में बदला जाएगा, ताकि योगाभ्यास का अनुभव अधिक प्रभावी हो। चयनित स्थल ऐसे होंगे जो:
- जनसामान्य की पहुंच में हों,
- वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं व युवाओं के लिए सुरक्षित व सुलभ हों,
- और जहां प्राकृतिक शांति के साथ सामुदायिक एकजुटता का भी माहौल हो।
योग प्रशिक्षकों और ओपन जिम की होगी व्यवस्था
योग पार्कों में केवल हरियाली ही नहीं, बल्कि योग को सुविधाजनक बनाने के लिए आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
इनमें शामिल होंगे:
- योग प्रशिक्षकों की व्यवस्था
- ओपन एयर जिम
- विश्राम स्थल (रेस्ट जोन)
- पेयजल और स्वच्छता सुविधाएं
- पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था
योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाने की दिशा में पहल
यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार के उस विजन का हिस्सा है, जिसमें योग को केवल स्वास्थ्य का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और अनुशासन की संस्कृति के रूप में विकसित किया जा रहा है।
‘हरित योग’, ‘योग अनप्लग्ड’ जैसे अभियानों के बाद अब ‘योग पार्क’ की अवधारणा सरकार की दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है, जो योग को स्थायी और सुगम मंच प्रदान करेगी।
निष्कर्ष
प्रदेश सरकार का यह कदम न केवल योग को सुलभ बनाएगा, बल्कि इसे सामुदायिक गतिविधि का रूप भी देगा। आने वाले समय में ये योग पार्क प्रदेश के शहरों और गांवों में स्वास्थ्य, अनुशासन और सामाजिक समरसता के केन्द्र बनकर उभर सकते हैं।