-घोष से भैया बहनों में अनुशासन एवं एकाग्रता का गुण : रामलाल
महाकुम्भ नगर, 23 जनवरी (हि.स.)। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान के बैनर पर विद्या भारती पूर्वी उप्र द्वारा आयोजित महाकुम्भ दर्शन शिविर में चल रहे चार दिवसीय क्षेत्रीय घोष वर्ग का समापन हुआ। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख राम लाल ने कहा कि विद्या भारती द्वारा आयोजित यह क्षेत्रीय घोष शिविर एक अनूठा प्रयोग है। इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने, सामाजिक कौशल को विकसित करने और अपने रचनात्मक विचारों को साझा करने का अवसर मिलता है।
उन्होनें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्या भारती भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ी अशासकीय संस्था है। इसका पूरा नाम विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान है। इसकी स्थापना 1977 में हुई थी। विद्या भारती के तहत हजारों शिक्षण संस्थान संचालित होते है। आज लक्षद्वीप और मिजोरम को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में 72 प्रांतीय एवं क्षेत्रीय समितियां विद्या भारती से संलग्न हैं। इनके अंतर्गत 13,000 प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक तथा 12,000 संस्कार केन्द्र एवं एकल विद्यालयों जैसी शिक्षण संस्थाओं में 1,50,000 आचार्य एवं आचार्याओं के मार्गदर्शन में 36 लाख छात्र-छात्राएं शिक्षा एवं संस्कार ग्रहण कर रहे हैं।
विद्या भारती अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री यतीन्द्र ने कहा कि यह चार दिवसीय घोष शिविर 20 जनवरी से प्रारम्भ हुआ। जिसमें पूर्वी उप्र क्षेत्र के अर्न्तगत आने वाले चारों प्रान्तों (काशी, अवध, गोरक्ष एवं कानपुर) से लगभग 1600 भैया, 500 बहनें, 88 आचार्य तथा 28 आचार्या आये हुये हैं। प्रतिदिन भैया बहन कुशल प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में अनुशासित ढंग से घोष किया। विभिन्न विधाओं के अभ्यास पूरी लगन व मेहनत के साथ किया। जिसका प्रदर्शन अभी होने वाले पथ संचलन के माध्यम से किया जायेगा।
अन्त में समस्त अतिथियों के प्रति प्रान्त प्रचार प्रमुख तथा ज्वाला देवी सिविल लाइन्स के प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने आभार ज्ञापित किया। विशिष्ट अतिथि के रुप में हेमचन्द्र क्षेत्रीय संगठन मंत्री विद्या भारती एवं विद्या भारती क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री डॉ0 राम मनोहर तथा विशेष उपस्थिति सह क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख पूर्वी उप्र मनोज, कानपुर प्रान्त संगठन मंत्री रजनीश एवं सुधारानन्द महाराज उपस्थित रहे।
इसके पश्चात् भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 2000 भैया बहनों ने प्रतिभाग किया। इस पथ संचलन का शुभारम्भ यतीन्द्र, हेमचन्द्र एवं डॉ राम मनोहर ने हरी झण्डी दिखाकर किया। पथ संचलन आशुतोष महाराज चौराहा के दाहिने तरफ ऋतंभरा चौराहा से होते हुए प्रशानिक अधिकारियों की ओर से विद्या भारती शिविर पर आकर सम्पन्न हुआ। इस पथ संचलन में भैया बहनों के साथ विभिन्न महापुरुषों (सुभाषचन्द्र बोस, अहिल्याबाई आदि) की मनमोहक झॉकियॉ, रथ, घोड़ा, बग्गी, वाहन बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए। पथ संचलन के पूरे मार्ग में पुष्पवर्षा के माध्यम से भैया बहनों का स्वागत किया गया।