महाकुम्भ नगर, 25 जनवरी (हि.स.)। महाकुम्भ को लेकर पूरे विश्व में चर्चा हो रही है। इस महाकुम्भ में संतों और संगठनों का संगम देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अध्यक्ष आलोक कुमार ने तमिलनाडु से आए दर्पण आश्रम के संस्थापक और सहज स्मृति योग के प्रणेता गुरुजी नंद किशोर तिवारी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान धर्म और समाज से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
गुरुजी नंदकिशोर तिवारी ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिप्रेक्ष्य में सनातन समाज की चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करने में आध्यात्मिक गुरुओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि समाज और संगठनों को मिलकर इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। इस समागम का उद्देश्य यह तय करना है कि भारत की सनातनी शक्ति को महाकुम्भ के माध्यम से पूरे विश्व में किस प्रकार प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जाए।
तमिलनाडु में दर्पण आश्रम के संस्थापक और सहज स्मृति योग के प्रणेता गुरुजी नंदकिशोर तिवारी महाकुम्भ में विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। इस दौरान वे सनातन भारतीय आध्यात्मिक दृष्टिकोण के महत्वपूर्ण पहलुओं को संत समाज के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। उनकी चर्चित पुस्तक ‘सहज स्मृति योग’, जो हाल ही में प्रकाशित हुई है, पर भी संतों और जिज्ञासुओं के बीच चर्चा की जाएगी। यह पुस्तक महाकुम्भ के दौरान सनातनी समाज की आध्यात्मिक उन्नति का एक अहम दस्तावेज साबित हो सकती है।
महाकुम्भ में होने वाले संत सम्मेलन के आयोजन को लेकर संत और संगठन एक निचोड़ निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस समागम से यह भी तय किया जाएगा कि आध्यात्मिक और सामाजिक समस्याओं के समाधान में सनातनी परम्पराओं को किस प्रकार सशक्त रूप से प्रस्तुत किया जाए।