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प्रयागराज में मां गंगा के हर घाट पर डुबकी लगाने का संगम जैसा ही पुण्य, संतों की लोगों से त्रिवेणी पर भीड़ से बचने की अपील

महाकुंभ नगर (प्रयागराज) ,29 जनवरी (हि.स.)। मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के पहले संगम तट के पास हुई भगदड़ पर देश के प्रमुख संतों और प्रशासन ने तीर्थयात्रियों और कल्पवासियों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। प्रमुख संतों ने कहा है कि महाकुंभ में संगम में डुबकी लगाने का जो पुण्य होता है, वही पुण्य प्रयागराज क्षेत्र में बह रहीं मां गंगा के किसी भी तट पर स्नान करने से होता है। संगम पर बहुत भीड़ है। इसलिए जो जहां पर गंगा घाट के पास है, वहीं डुबकी लगाकर महाकुंभ का पुण्य अर्जित कर जीवन को सुफल बनाएं।

आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने संगम पर हुई भगदड़ के बाद बुधवार को श्रद्धालुओं से सावधानी बरतने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “कृपया अफवाहों पर विश्वास न करें और बुजुर्गों और बच्चों को संगम पर न ले जाएं।”

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि “मैं अभी गंगा में डुबकी लगाकर लौटा हूं और मैंने संगम के बजाय पास के गंगा घाट में स्नान करना चुना। मुझे वही आध्यात्मिक लाभ प्राप्त हुआ है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी श्रद्धालुओं से आत्म अनुशासन बनाए रख अपने नजदीकी घाट पर ही स्नान करने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि श्रद्धालुगण मां गंगा के जिस भी घाट के समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। स्नानार्थियों के लिए कई घाट बनाए गए हैं, जहां सुविधाजनक रूप से स्नान किया जा सकता है। स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सभी संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें और निकटतम घाट पर स्नान करें। शिविरों में रह रहे लोग एक-दूसरे की सुरक्षा करें।

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