विशाखापत्तनम/नई दिल्ली, 06 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के डिजिटल फुटप्रिंट की स्कोरिंग के आधार पर नया क्रेडिट असेसमेंट मॉडल लॉन्च किया। केंद्रीय बजट 2024-25 में इसकी घोषणा की गई थी। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी भी मौजूद रहे।
पंकज चौधरी के साथ मिलकर आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में बजट के बाद बातचीत कार्यक्रम के दौरान एमएसएमई के डिजिटल फुटप्रिंट के स्कोरिंग के आधार पर ‘नया क्रेडिट असेसमेंट मॉडल’ लॉन्च किया। इस अलावा वित्त मंत्री सीतारमण ने राजामहेंद्रवरम और काकीनाडा में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के दो नई शाखाओं का शुभारंभ भी किया। इसके अलावा नई लॉन्च सिडबी शाखाओं के एमएसएमई लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र भी सौंपे गए।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय बजट 2024-25 में यह घोषणा की गई थी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) बाहरी मूल्यांकन पर निर्भर रहने के बजाय एमएसएमई को ऋण के लिए मूल्यांकन करने के लिए अपनी आंतरिक क्षमता का निर्माण करेंगे। पीएसबी अर्थव्यवस्था में एमएसएमई के डिजिटल फुटप्रिंट की स्कोरिंग के आधार पर एक नया क्रेडिट असेसमेंट मॉडल विकसित करेंगे। मंत्रालय के अनुसार नया क्रेडिट असेसमेंट मॉडल पारिस्थितिकी तंत्र में उपलब्ध डिजिटल रूप से प्राप्त और सत्यापन योग्य डेटा का लाभ उठाएगा। साथ ही सभी ऋण आवेदनों के लिए वस्तुनिष्ठ निर्णय लेने और मौजूदा एवं नए एमएसएमई उधारकर्ताओं दोनों के लिए मॉडल-आधारित सीमा मूल्यांकन का उपयोग करके एमएसएमई ऋण मूल्यांकन के लिए स्वचालित यात्रा तैयार करेगा।
इस मॉडल के उपयोग से एमएसएमई को होने वाले लाभों में ऑनलाइन मोड के माध्यम से कहीं से भी आवेदन प्रस्तुत करना, कागजी कार्रवाई और शाखा में जाने की आवश्यकता कम होना, डिजिटल मोड के माध्यम से तत्काल सैद्धांतिक मंजूरी, ऋण प्रस्तावों का निर्बाध प्रसंस्करण, अंत से अंत तक सीधी प्रक्रिया (एसटीपी), कम टर्नअराउंड समय (टीएटी), वस्तुनिष्ठ डेटा/लेन-देन व्यवहार और क्रेडिट इतिहास के आधार पर ऋण निर्णय, सीजीटीएमएसई के तहत कवर किए गए ऋणों के लिए कोई भौतिक संपार्श्विक प्रतिभूतियां नहीं होना आदि शामिल हैं।
मंत्रालय ने बताया कि इस मॉडल द्वारा उपयोग किए जाने वाले डिजिटल फुटप्रिंट्स में एनएसडीएल का उपयोग करके नाम और पैन प्रमाणीकरण, ओटीपी का उपयोग करके मोबाइल और ईमेल सत्यापन, सेवा प्रदाताओं के माध्यम से जीएसटी डेटा का एपीआई प्राप्त करना, खाता एग्रीगेटर का उपयोग करके बैंक स्टेटमेंट विश्लेषण, आईटीआर अपलोड और सत्यापन, एपीआई सक्षम वाणिज्यिक और उपभोक्ता ब्यूरो प्राप्त करना और सीआईसी का उपयोग करके उचित परिश्रम, धोखाधड़ी की जांच, एपीआई के माध्यम से हंटर जांच आदि शामिल हो सकते हैं।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर एमएसएमई के लिए ऋण मूल्यांकन मॉडल से केवल परिसंपत्ति या टर्नओवर मानदंड के आधार पर ऋण पात्रता के पारंपरिक मूल्यांकन की तुलना में महत्वपूर्ण सुधार होने की उम्मीद है। यह उन एमएसएमई को भी कवर करेगा, जिनके पास औपचारिक लेखा प्रणाली नहीं है।