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बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी नेता एटीएम अजहरुल इस्लाम ने मृत्युदंड की सजा को दी चुनौती, 6 मई को सुनवाई

ढाका, 22 अप्रैल (हि.स.)। जमात-ए-इस्लामी नेता एटीएम अजहरुल इस्लाम ने मृत्युदंड की सजा के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने 1971 में देश के मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए अपनी मृत्युदंड की सजा को चुनौती दी है। मुख्य न्यायाधीश सैयद रेफात अहमद की अध्यक्षता वाली अपीलीय खंडपीठ की चार सदस्यीय पीठ ने कहा कि इस न्यायालय की पूर्ण पीठ 6 मई को सुनवाई करेगी।

द डेली स्टार अखबार के अनुसार इस्लाम की अपील को आज की वाद सूची में क्रम संख्या 28 के रूप में सुनवाई के लिए शामिल किया गया था। 27 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय ने अजहरुल को मृत्युदंड की सजा को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष नई अपील दायर करने की अनुमति दी थी। अपील की सुनवाई के लिए आज की तारीख तय की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेश अपने पहले के फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया था। इसमें अजहरुल इस्लाम को मृत्युदंड देने के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के फैसले को बरकरार रखा गया था।

अजहरुल के वकील एहसान ए सिद्दीक और मोहम्मद शिशिर मनीर ने सोमवार को अपीलीय डिवीजन से प्रार्थना की थी कि उनके मुवक्किल की अपील पर 22 अप्रैल को सुनवाई की जाए। अपीलीय डिवीजन ने भी 31 अक्टूबर, 2019 को अजहरुल की मौत की सजा को बरकरार रखा था। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश सैयद महमूद हुसैन की अगुवाई वाली चार सदस्यीय पीठ ने बहुमत से फैसला सुनाया था। जमात नेता मोतिउर रहमान निज़ामी, अब्दुल क़ादर मोल्ला, मोहम्मद कमरुज्जमां, अली अहसन मोहम्मद मोजाहिद, मीर कासिम अली और बीएनपी नेता सलाउद्दीन कादर चौधरी को 1971 में मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद फांसी दी जा चुकी है।

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