📍 नालंदा, 13 जून (हि.स.) — जिले के उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय में शुक्रवार को समेकित पोषक प्रबंधन विषय पर 15 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मिट्टी की सेहत, फसल उत्पादकता, और जैविक पोषण संतुलन को लेकर इनपुट डीलरों (उर्वरक एवं बीज विक्रेताओं) को प्रशिक्षित करना है।
🎓 कार्यक्रम का उद्घाटन
इस प्रशिक्षण का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. रणधीर कुमार, कृषि वैज्ञानिक एवं पीआरओ डॉ. विनोद कुमार, डॉ. एस. आजाद, और डॉ. दिव्या तिवारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। प्रशिक्षण में नालंदा, पटना, औरंगाबाद, नवादा और जहानाबाद जिलों से आए इनपुट डीलर भाग ले रहे हैं।
🧪 मिट्टी की सेहत और वैकल्पिक उर्वरक की बात
प्राचार्य डॉ. रणधीर कुमार ने कहा कि “मिट्टी की सेहत बचाने के लिए रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग पर रोक आवश्यक है।” उन्होंने किसानों को तरल खाद, जैविक खाद और वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि नैनो डीएपी और नैनो यूरिया जैसे आधुनिक विकल्पों से उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ मृदा स्वास्थ्य को भी संरक्षित किया जा सकता है।
💬 सेवा भावना से करें कार्य: डॉ. विनोद कुमार
कृषि वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार ने इनपुट डीलरों से कहा, “आपका कार्य केवल व्यापार नहीं, सेवा भी है। जैसे सैनिक देश की रक्षा करता है, वैसे ही खाद विक्रेता किसान की मिट्टी की रक्षा कर सकते हैं।” उन्होंने टिकाऊ और संतुलित पोषण प्रबंधन की महत्ता पर जोर दिया।
👥 उपस्थित विशेषज्ञ एवं प्रतिभागी
इस अवसर पर डॉ. एस. आजाद, डॉ. ध्याना नंदा, डॉ. प्रेरणा राय, डॉ. विजय कुमार, और डॉ. पंकज कुमार सहित अन्य विशेषज्ञ, प्रशिक्षणार्थी और अधिकारी उपस्थित रहे।