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झारखंड हाई कोर्ट में डीजीपी और डीजी होमगार्ड हुए हाजिर, कोर्ट ने अवमानना याचिका किया ड्रॉप

रांची, 07 जनवरी (हि.स.)। झारखंड हाई कोर्ट में होमगार्ड जवानों को समान काम के बदले समान वेतन देने के मामले में दायर अवमानना याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान हाई कोर्ट में जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की बेंच में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता और महानिदेशक (डीजी) होमगार्ड अनिल पालटा कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए।

कोर्ट ने अवमानना याचिका को ड्रॉप करते हुए कहा कि चूंकि इस मामले में राज्य सरकार अपील (एलपीए) में गई है, इसलिए होमगार्ड के जवानों का एरियर सरकार के अपील के फैसले पर निर्भर करेगा। कोर्ट ने कहा कि होमगार्ड को वर्तमान में मिल रही बढ़ी हुई सैलरी मिलती रहेगी।

इससे पूर्व महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट के 25 अगस्त, 2017 के प्रभाव से होमगार्ड जवानों को बढ़े हुए वेतन का लाभ देने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की है। राज्य सरकार ने 10 अगस्त, 2024 को होमगार्ड के जवानों को पुलिसकर्मियों के समकक्ष समान कार्य का समान वेतन देने का आदेश जारी किया है। इसके आधार पर वर्तमान में होमगार्ड जवानों को बढ़ी हुई सैलरी मिल रही है। होमगार्ड जवानों को एरियर भुगतान में कई वित्तीय कठिनाइयों भी हैं, सरकार स्तर पर अभी इस पर निर्णय नहीं हुआ है।

पूर्व में कोर्ट ने राज्य सरकार को 25 अगस्त, 2017 के प्रभाव से होमगार्ड जवानों को बढ़े हुए वेतन का लाभ देने का निर्देश दिया था। आदेश की तारीख से पुलिसकर्मियों के समकक्ष होमगार्ड जवानों को समान कार्य के लिए समान वेतन का लाभ देना होगा। दो माह में एरियर का भुगतान करने का निर्देश दिया था। इसी आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की है।

उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय प्रसाद ने अवमानना याचिका दायर की है। प्रार्थी ने एकल पीठ के आदेश का अनुपालन कराने की मांग की है। इस मामले में राज्य सरकार की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट से पहले ही खारिज हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था तथा एसएलपी खारिज कर दी थी।

होमगार्ड जवानों अजय प्रसाद एवं अन्य ने पुलिसकर्मियों के समान वेतन और अन्य लाभ के लिए के लिए झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। प्रार्थियों का कहना था कि होमगार्ड का पोस्ट सिविल पोस्ट है। क्योंकि, वह पुलिसकर्मियों की तरह ड्यूटी करते हैं। इसलिए नियमित पुलिसकर्मियों की तरह उन्हें भी लाभ दिया जाए।

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