📍 काठमांडू, 14 जून (हि.स.) — नेपाल की विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि दुनिया भर में जारी युद्ध जैसे हालात के चलते नेपाल को मिलने वाली विदेशी आर्थिक सहायता में भारी कटौती की संभावना है। उन्होंने कहा कि बदलती भूराजनीतिक प्राथमिकताओं का असर अल्पविकसित देशों, खासकर नेपाल जैसे राष्ट्रों पर गंभीर रूप से पड़ सकता है।
🔴 मुख्य बिंदु
- 🌍 रूस-यूक्रेन, इजरायल-फिलिस्तीन, और इजरायल-ईरान संघर्षों का हवाला देते हुए मंत्री ने कहा कि वैश्विक संसाधन इन युद्धों में व्यस्त हैं।
- ⚠️ नेपाल को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं से मिलने वाली सहायता में पिछले वर्ष से ही कटौती शुरू हो चुकी है, जो इस वर्ष और कम हो सकती है।
- 🤝 सरकार ने अब भारत और चीन से अतिरिक्त सहयोग की औपचारिक पहल शुरू कर दी है।
🗣️ डॉ. आरजू राणा का बयान
“वर्तमान भूराजनीतिक परिदृश्य अत्यधिक तरल और अप्रत्याशित है। हमें अब विकास कूटनीति को एक नए दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है।”
“अंतरराष्ट्रीय सहायता प्राप्त करते समय, राजनयिक संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। युद्धरत दुनिया में सहायता की शर्तें और मात्रा दोनों बदल सकती हैं।”
📌 प्रमुख चिंताएं
- सहायता देने वाले देशों की प्राथमिकता अब सुरक्षा और सैन्य खर्च की ओर बढ़ गई है।
- नेपाल जैसे विकासशील देशों को मिलने वाली सहायता पर सीधा असर पड़ रहा है।
- आर्थिक सहायता का स्वरूप बदल सकता है — कम अनुदान, अधिक शर्तें या ऋण आधारित समर्थन।
✅ सरकार की रणनीति
- चीन और भारत से विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त सहयोग की अपील।
- विकासशील देशों के लिए नई कूटनीतिक नीति पर पुनर्विचार।
- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभावी पैरवी की योजना।