गांधीनगर, 22 जून (हि.स.) — मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘गुजरात इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2025’ (GECMS) की घोषणा की, जिससे राज्य को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में मजबूती मिलेगी।
⚖️ क्या है इस नई नीति में?
GECMS के तहत केंद्र सरकार द्वारा मंजूर MEITY प्रोजेक्ट्स को राज्य में 100% टॉप-अप सहायता मिलेगी। केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद, गुजरात सरकार 30 दिनों में प्रोत्साहन राशि जारी करेगी।
नीति के अंतर्गत हाई-टेक उत्पाद जैसे मल्टीलेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, लिथियम-आयन सेल, कैमरा मॉड्यूल, इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स व मशीनरी के प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, अपस्ट्रीम इंडस्ट्रीज़ को रफ्तार मिलने से टेक्नोलॉजिकल आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और आयात पर निर्भरता घटेगी।
⚠️ R&D और टैलेंट पर जोर
नीति इनोवेशन और रिसर्च को भी बढ़ावा देगी। राज्य की मान्यता प्राप्त संस्थाओं को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, फिनिशिंग स्कूल और रिसर्च लैब की स्थापना हेतु 12.5 करोड़ रुपये तक की सहायता मिलेगी।
📜 पॉलिसी के मुख्य बिंदु
• गुजरात को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चेन में मजबूत बनाना
• स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहन, आयात में कटौती
• 35,000 करोड़ रुपये के निवेश और हाई-स्किल जॉब्स का लक्ष्य
• MEITY स्वीकृत प्रोजेक्ट्स को राज्य और केंद्र दोनों से लाभ
• GECMS का क्रियान्वयन जीएसईएम द्वारा किया जाएगा
📌 महत्वपूर्ण तथ्य
राज्य की नई पॉलिसी से उद्योगों को दोहरा प्रोत्साहन
R&D में निवेश और टैलेंट डेवलपमेंट को प्राथमिकता
31 जुलाई 2025 तक आवेदन की अंतिम तिथि