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आत्मनिर्भर भारत की नई दिशा – रेयर अर्थ मिनरल्स और तेल उत्पादन में बड़ी छलांग!

अब सिर्फ तेल नहीं, रेयर अर्थ में भी आत्मनिर्भरता

रेयर अर्थ और तेल में आत्मनिर्भरता अब भारत की नई प्राथमिकता बन चुकी है। मैगनेट बनाने वाले ये दुर्लभ खनिज आज हर तकनीकी उपकरण की रीढ़ हैं।

चीन से निर्भरता घटाने की तैयारी

चीन जहां 90% वैश्विक आपूर्ति करता है, भारत 7 मिलियन टन रिजर्व के साथ आगे बढ़ रहा है। राजस्थान के रेगिस्तान में छिपे भंडार अब निजी क्षेत्र की मदद से खोजे जाएंगे।

प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव से बदलाव की शुरुआत

1000 करोड़ की PLI स्कीम के तहत अब निजी कंपनियों को भी उत्खनन का अवसर मिलेगा। ऑस्ट्रेलिया से भी सहयोग की शुरुआत हो चुकी है।

तेल खोज में मिल रही बड़ी सफलता

अंडमान से लेकर बिहार तक नए तेल भंडार मिले हैं। अंडमान का भंडार 4.5 बिलियन बैरल्स का है, जिससे 70 साल की ज़रूरत पूरी हो सकती है।

नीतियों में आमूलचूल परिवर्तन

HELP और OALP नीति के अंतर्गत अब कोई भी कंपनी तेल और गैस खोज के लिए प्रस्ताव दे सकती है। पहले ये अधिकार सिर्फ सरकार के पास था।

आयातकों पर निर्भरता हो रही कम

भारत अब 30+ देशों से तेल ले रहा है, जिसमें रूस, ईरान, कतर जैसे देश भी शामिल हैं। कई डील रुपए और बार्टर सिस्टम पर आधारित हैं।

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