एफएसएल जांच में देरी पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार ने दी प्रगति रिपोर्ट
जयपुर, 19 जुलाई। एफएसएल जांच में देरी (Forensic Science Laboratory delays) से न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित होने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई थी। शुक्रवार को प्रदेश के मुख्य सचिव सुधांश पंत और एफएसएल निदेशक अदालत में पेश हुए। इस दौरान मुख्य सचिव की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता भरत व्यास ने बताया कि एफएसएल में लंबित मामलों में लगभग 12.5% की कमी आई है।
हाईकोर्ट को संतोष, याचिका निस्तारित
न्यायाधीश उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने सरकार के प्रयासों को देखते हुए संतोष जाहिर किया और याचिका को निस्तारित कर दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि एफएसएल जांच प्रक्रिया को तेज करने के लिए संसाधनों की कमी दूर की जा रही है और तकनीकी स्टाफ की तैनाती भी हो रही है।
पोक्सो मामले से जुड़ा था विवाद
दरअसल, एक पॉक्सो मामले में आरोपित ने जमानत याचिका दाखिल की थी, लेकिन ट्रायल कोर्ट द्वारा बार-बार प्रयास करने के बावजूद एफएसएल रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो सकी। इससे केस की सुनवाई लंबित थी। इस पर हाईकोर्ट ने पहले डीजीपी और एसीएस गृह को तलब किया था, पर स्थितियों में सुधार न होने पर अब मुख्य सचिव और एफएसएल निदेशक को भी कोर्ट में हाजिर होना पड़ा।
कोर्ट की चिंता और टिप्पणी
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि एफएसएल रिपोर्ट में देरी केवल न्याय की देरी नहीं है, बल्कि यह आरोपित के शीघ्र ट्रायल के संवैधानिक अधिकारों का भी हनन है। कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि ऐसे मामलों में न्यायिक प्रक्रिया की गंभीरता बनाए रखना आवश्यक है।