राजस्थान जन्माष्टमी उत्सव का भव्य आयोजन
शनिवार रात 12 बजे राजस्थान जन्माष्टमी उत्सव के साथ प्रदेशभर के मंदिरों में जयकारों की गूंज सुनाई दी। श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़ पड़े और मंदिरों का माहौल भक्तिमय हो गया।
प्रमुख मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना
जयपुर के गोविंददेवजी, नाथद्वारा के श्रीनाथजी, करौली के मदनमोहनजी और चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ मंदिर में भव्य आराधना हुई। गोविंददेवजी मंदिर में 31 तोपों की सलामी और 900 किलो पंचामृत से अभिषेक हुआ। नाथद्वारा में 21 तोपों की सलामी के साथ 350 साल पुरानी परंपरा निभाई गई।
आकर्षक झांकियां और पोशाकें
जयपुर के गोपीनाथ मंदिर और दौसा के गिरिराज धरण मंदिर में भगवान को विशेष पोशाक और अलंकरण धारण कराया गया। मंदिर प्रांगण में कमल पंखुड़ियों पर सजी झांकियां श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करती रहीं।
उत्सव में आतिशबाजी और भजन संध्या
चित्तौड़गढ़ और उदयपुर के मंदिरों में जन्म के समय भव्य आतिशबाजी हुई। भक्तों ने ‘हाथी-घोड़ा-पालकी, जय कन्हैयालाल की’ के जयकारों के साथ आराधना का आनंद लिया। शालिग्रामजी का पंचामृत स्नान भी विशेष आकर्षण रहा।
प्रशासन और मुख्यमंत्री की उपस्थिति
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर में दर्शन कर प्रदेश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी भी गोविंददेवजी मंदिर में उपस्थित रही।