अभी क्या है Insurance gst स्थिति?
- वर्तमान में लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% Insurance gst लगता है।
- उदाहरण: अगर आपका वार्षिक प्रीमियम ₹20,000 है, तो आपको ₹3,600 अतिरिक्त टैक्स देना पड़ता है। यानी कुल भुगतान ₹23,600 होता है।
- यह टैक्स पर्सनल पॉलिसी और फैमिली फ्लोटर दोनों पर लागू होता है।
🆕 नया प्रस्ताव क्या कहता है?
- जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में प्रस्ताव आएगा कि इंश्योरेंस प्रीमियम से जीएसटी हटाया जाए।
- अगर यह पास हुआ तो:
- ग्राहक को सिर्फ बेस प्रीमियम देना होगा।
- कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं लगेगा।
- विशेषज्ञों के अनुसार, इससे इंश्योरेंस की लागत 15% तक घट सकती है।
⚠ किन राज्यों को है चिंता?
- तेलंगाना जैसे राज्य इस कदम का समर्थन कर रहे हैं।
- लेकिन कई राज्यों को डर है कि उनकी राजस्व आय (Revenue) में 10,000 करोड़ रुपये तक की कमी आ सकती है।
- कुछ राज्यों का कहना है कि ग्राहकों को फायदा होना अधिक जरूरी है।
- वहीं, कुछ राज्य चाहते हैं कि इंश्योरेंस कंपनियां इस छूट का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुँचाएँ।
❓ क्या प्रीमियम वाकई घटेगा Insurance gst से?
- अगर जीएसटी हटेगा → प्रीमियम घटेगा।
- पेच यह है → इंश्योरेंस कंपनियां अभी अपने कई खर्चों (टेक्नोलॉजी, कस्टमर सर्विस, डिस्ट्रीब्यूशन) पर दिए गए जीएसटी का फायदा इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) से उठाती हैं।
- अगर जीएसटी खत्म हुआ तो ITC का फायदा नहीं मिलेगा, और कंपनियों का खर्च बढ़ेगा।
- इससे हो सकता है कि कंपनियां बेस प्रीमियम थोड़ा बढ़ा दें।
- इसलिए विशेषज्ञ मानते हैं कि बेहतर होगा अगर इंश्योरेंस को “Zero-Rated” किया जाए। यानी ग्राहकों से जीएसटी न लिया जाए, लेकिन कंपनियां ITC का फायदा लेती रहें।
🗓 कब होगा फैसला?
- यह प्रस्ताव सितंबर 2025 में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा के लिए रखा जाएगा।
- अगर मंजूरी मिली तो दिवाली 2025 के आसपास लागू हो सकता है।
👨👩👧 ग्राहकों के लिए मायने
- अगर आप नई पॉलिसी लेने या पुरानी रिन्यू कराने की सोच रहे हैं, तो थोड़ा इंतजार करना फायदेमंद हो सकता है।
- जीएसटी हटने पर प्रीमियम सस्ता होगा।
- लेकिन ध्यान रहे, यह तभी होगा जब इंश्योरेंस कंपनियां छूट का पूरा फायदा ग्राहकों को दें।
सवाल: अभी इंश्योरेंस पर कितना जीएसटी लगता है?
👉 जवाब: अभी लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगता है।
सवाल: जीएसटी हटने पर क्या फायदा होगा?
👉 जवाब: आपका प्रीमियम 15% तक सस्ता हो सकता है, लेकिन कंपनियां बेस प्रीमियम बढ़ा सकती हैं।
सवाल: कब तक लागू हो सकता है नया नियम?
👉 जवाब: अगर काउंसिल मंजूरी देती है तो दिवाली 2025 तक लागू होने की उम्मीद है।