दिल्ली से सटे Bahadurgarh ganesh utsav की धूम मचेगी। 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी से यह उत्सव शुरू होगा। शहर और आस-पास के गांवों में 70 से ज्यादा पंडाल सजेंगे।
74 फीट ऊंची गणपति प्रतिमा बनेगी आकर्षण
इस बार श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होगी 74 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा, जिसे देश की दूसरी सबसे ऊंची मूर्ति माना जाता है। यह प्रतिमा भक्तों की आस्था और भक्ति का भव्य प्रतीक बनेगी।
21 साल पहले शुरू हुई Bahadurgarh ganesh utsav परंपरा
- इस उत्सव की शुरुआत 21 साल पहले हुई थी।
- महाराष्ट्र से आए एक मराठा परिवार ने छोटा सा पंडाल लगाकर उत्सव की नींव रखी।
- धीरे-धीरे पूरा शहर इस परंपरा से जुड़ता गया और आज यह महाभक्ति उत्सव बन चुका है।

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मराठा परिवारों का योगदान
- बहादुरगढ़ में आज 25 से ज्यादा मराठा परिवार बसे हुए हैं।
- मराठा समुदाय की आस्था और आयोजन शक्ति ने इस उत्सव को पूरे शहर का पर्व बना दिया है।
- स्थानीय लोगों के अनुसार, यहां का गांव कसार भी मराठों द्वारा ही बसाया गया था।
आस्था का शहरव्यापी उत्सव
आज गणेश उत्सव सिर्फ एक परिवार या समुदाय का नहीं रहा, बल्कि पूरे बहादुरगढ़ का पर्व बन चुका है। भक्तों में अपार उत्साह है और शहर की गलियां गणपति बप्पा मोरया के जयकारों से गूंजने लगी हैं।