डेमोक्रेट्स का आक्रामक रुख
वाशिंगटन, 26 सितंबर। अमेरिका में सरकारी शटडाउन का संकट गहराता जा रहा है। डेमोक्रेट्स ने संकेत दिया है कि इस बार वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ खुलकर टकराव का रास्ता अपनाएंगे। पार्टी पदाधिकारियों का मानना है कि शटडाउन से पीछे हटना हार मानने जैसा होगा।
स्वास्थ्य बीमा और बजट पर विवाद
डेमोक्रेटिक नेताओं का दबाव है कि ट्रंप प्रशासन स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी और मेडिकेड कटौती जैसे मुद्दों पर पीछे हटे। सीनेट अल्पसंख्यक नेता चक शूमर ने कहा कि इस बार फिलिबस्टर जैसे संसदीय हथियारों का इस्तेमाल कर ट्रंप नीतियों का विरोध किया जाएगा। हाउस माइनॉरिटी लीडर हकीम जेफ्रीज ने भी चेतावनी दी कि कोई भी समझौता अमेरिकी नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही होगा।
रिपब्लिकन का कड़ा रुख
ट्रंप प्रशासन के बजट निदेशक रस वॉट ने कहा है कि अगर डेमोक्रेट्स नवंबर तक रिपब्लिकन प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करते तो हजारों संघीय कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। इससे डेमोक्रेटिक सांसदों पर भारी दबाव बन गया है।
पिछली बार का सबसे लंबा शटडाउन
यह स्थिति 2018-19 के उस “ट्रंप शटडाउन” की याद दिला रही है, जो अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के फंड की मांग को लेकर हुआ था और जिसे अमेरिकी इतिहास का सबसे लंबा शटडाउन माना गया।
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि समझौता कठिन है क्योंकि राष्ट्रपति कांग्रेस के फैसले को दरकिनार कर सकते हैं। ऐसे में डेमोक्रेट्स अपनी रणनीति बदलकर ट्रंप से सीधे टकराव की राह पर बढ़ते दिख रहे हैं।