वाराणसी, 3 अक्टूबर।
भारतीय शास्त्रीय संगीत के महानायक, पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र का गुरुवार देर शाम मोक्षनगरी काशी के मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। उनके पोते राहुल मिश्र ने उन्हें मुखाग्नि दी और पंचतत्व में विलीन किया। अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हुआ।
पंडित मिश्र के अंतिम दर्शन के लिए उनकी बेटी प्रो. नम्रता मिश्र के बड़े गैबी आवास पर भारी संख्या में संगीत प्रेमी, शिष्य और विशिष्ट जन जुटे। वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी, पूर्व मेयर रामगोपाल मोहले, शहर के विधायक और राजनीतिक नेता, भाजपा व कांग्रेस के कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।
आजमगढ़ में जन्मे पंडित छन्नूलाल मिश्र वाराणसी और किराना घरानों के गायकी के अद्वितीय प्रतिनिधि माने जाते थे। ठुमरी, दादरा, चैती, कजरी और भजन गायन में उनकी विशिष्ट शैली ने उन्हें भारतीय शास्त्रीय संगीत में अलग पहचान दिलाई।
उनकी उपलब्धियों में वर्ष 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2010 में पद्मभूषण, और 2020 में पद्मविभूषण शामिल हैं। वे वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट से नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक भी रहे।
पंडित मिश्र के परिवार में पुत्र रामकुमार मिश्र, जो प्रख्यात तबला वादक हैं, सहित तीन पुत्रियाँ हैं। उनका योगदान और गायकी की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।
शास्त्रीय संगीत जगत ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है, और उनके अनुयायी एवं शिष्य उन्हें हमेशा याद रखेंगे।