देहरादून, 3 अक्टूबर।
उत्तराखंड सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष महिला सशक्तिकरण और बाल विकास के लिए एक व्यापक रोड मैप प्रस्तुत किया। राज्य की मंत्री रेखा आर्या ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री के साथ वर्चुअल बैठक में 20 से अधिक सुझाव रखे।
मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि स्थानीय निकायों के बजट में 10% हिस्सा महिला और शिशु विकास के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने तकनीकी कौशल युक्त महिला कार्यबल तैयार करने और विभाग की कार्य प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। आंगनबाड़ी केंद्रों को डिजिटल और डे-बोर्डिंग स्कूल के रूप में विकसित करने तथा 50% महिला कार्यबल सुनिश्चित करने की बात भी कही।
उन्होंने किशोरी बालिका परियोजना के विस्तार, स्किल डेवलपमेंट और आंगनबाड़ी केंद्रों के ग्रेडिंग सिस्टम की मांग की। गर्भवती महिलाओं और 6 वर्ष तक के बच्चों के पोषण और शिक्षण में नियमित रिसर्च और सोशल ऑडिट की जरूरत बताई।
उत्तराखंड द्वारा दिए गए अन्य प्रमुख सुझाव:
- शिशुओं की पोषण मानक दर में सुधार
- आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत बजट 3,000 से 10,000 बढ़ाना
- मनरेगा में आंगनबाड़ी निर्माण के लिए 80% बजट मटीरियल और 20% लेबर के लिए सुनिश्चित करना
- टेक होम राशन योजना में फेस रीडिंग और ओटीपी शामिल करना
- मिशन शक्ति में आईटी विशेषज्ञ का पद सृजित करना
- प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना पोर्टल को सरल और यूजर फ्रेंडली बनाना
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में बालिकाओं के लिए छात्रवृत्ति और वोकेशनल ट्रेनिंग
- वन स्टॉप सेंटर के लिए कम से कम दो वाहन आवंटित करना
- मिशन वात्सल्य में गोद लेने की प्राथमिकता स्थानीय प्रदेश के बच्चों को
- स्पॉन्सरशिप योजना में पात्र अभ्यर्थियों को सभी लाभ प्रदान करना
- मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य के कार्मिकों के मानदेय में वार्षिक बढ़ोतरी
केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने उत्तराखंड के सुझावों की सराहना की और इन्हें लागू करने का भरोसा दिया। बैठक में लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की महिला एवं बाल विकास मंत्रियों ने हिस्सा लिया।